जाने-माने पत्रकार गौर किशोर घोष की आज जयंती है। लेखक गौरदा के गहरे मित्र रहे हैं। उन्हें करीब से जानने और साथ रहने का मौका मिला। उन्होंने साथ रहते हुए उन्हें जाना। उन्हीं बातों को लेकर एक संस्मरणात्मक लेख।
सुजाता आनंदन ने एक तेज तर्रार राजनैतिक विश्लेषक के रूप में अपनी पहचान बनाई। साथ उनकी परिपक्व समझ और दृष्टि थी। जब वे युवा थीं तब से ही वे देश-दुनिया के अलग-अलग जगहों पर खबर को करने की विशेषज्ञता हासिल कर ली थीं। 65 वर्ष की उम्र में बुधवार को उनका निधन हो गया।
पिछले किसान आंदोलन में रिपोर्ट करने के लिए जिस इकलौते पत्रकार मनदीप पुनिया को जेल हुई, उसी का ट्विटर अकाउंट आज सरकार ने बंद कर दिया। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हो रहे किसानों के दमन को रिपोर्ट करने की सजा अब पत्रकारों को मिलने लगी है