मुंबई। नेशनल हेराल्ड की सलाहकार संपादक रहीं 65 वर्षीय सुजाता आनंदन का बुधवार की रात मुंबई में निधन हो गया।परिवार के सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका सुजाता आनंदन का दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया।

नागपुर से ताल्लुक रखने वाली आनंदन ने अपने तीन दशक लंबी पत्रकारिता करते हुए अनेक अखबारों में काम किया। उनके काम की शुरुआत यूएनआई समाचार एजेंसी से हुई। उसके बाद आउटलुक और इंडियन एक्सप्रेस जैसे विभिन्न प्रकाशनों के लिए काम किया। उनका सबसे लंबा कार्यकाल हिंदुस्तान टाइम्स के साथ था।

लोकमत मीडिया के अध्यक्ष विजय दर्डा ने कहा कि आनंदन के निधन की खबर से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें एक निडर, ईमानदार और निष्पक्ष विचारों वाली प्रगतिशील पत्रकार के रूप में जानता था। लोकमत ग्रुप के साथ उनका जुड़ाव लंबा और सार्थक रहा।’

उन्होंने कहा कि आनंदन लोकमत समूह के प्रधान संपादक राजेंद्र दर्डा को अपना गुरू मानती थीं। राजेंद्र दर्डा ने कहा कि आनंदन एक बहुत ही उच्च नैतिक मूल्यों में यकीन रखने वाली प्रगतिशील पत्रकार थीं। वह निष्पक्ष होकर लिखती थीं।

राजेंद्र दर्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे याद है जब मैं 1974 में लंदन से अपनी पढ़ाई के बाद वापस आया, तो मैंने नागपुर विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विषय पढ़ाया था। सुजाता 1975-76 बैच की मेरी छात्रा थी। वह बहुत बुद्धिमान, मेधावी छात्रा थी और हमेशा नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहती थी।’

उनकी लिखी तीन किताबें आईं। जिसमें  वर्ष 2014 में Samrat : How to shiv Sena changed mumbai forever, 2015 मराठी माणूस और वर्ष 2018 में महाराष्ट्र मैक्सिमस है। सुजाता आनंदन ने 1980 के दशक से शिवसेना के उत्थान और पतन दोनों दिनों को ही बहुत करीब से देखा।  

सुजाता आनंदन ने एक तेज तर्रार राजनैतिक विश्लेषक के रूप में अपनी पहचान बनाई। साथ उनकी परिपक्व समझ और दृष्टि थी। जब वे युवा थीं तब से ही वे देश-दुनिया के अलग-अलग जगहों पर खबर को करने की विशेषज्ञता हासिल कर ली थीं। फिर चाहे वे खबरें दंगे की हो, राजनीति की हो, प्राकृतिक आपदा की हो या फिर सांप्रदायिक दंगे की हो।