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बनारस के किसान क्यों ‘काशी द्वार प्रोजेक्ट’ की वजह से अपनी जान दे रहे हैं?

वाराणसी में पिंडरा ब्लॉक में काशी द्वार परियोजना प्रस्तावित है, जिसका विरोध यहाँ के किसान कर रहे हैं।

किसान आंदोलन : सरकार ने किसानों को दिल्ली सीमा में रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की  

13 फरवरी से चल रहे किसान आंदोलन 'दिल्ली चलो' के नारे के साथ चल रहा है। हरियाणा के शंभू सीमा पर एकत्रित किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली पहुँचना चाहते हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर आज दिल्ली सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती को देखते हुए कहा कि सरकार ने इस किसान आंदोलन को राष्ट्रव्यापी मान लिया है। 

छग : किसान भाजपा के ताबूत पर आखिरी कील गाड़, उसे सत्ता से बाहर करेंगे – विजू कृष्णन

सूरजपुर में अखिल भारतीय किसान सभा का पाँचवाँ सम्मेलन 2 और 3 मार्च को सम्पन्न हुआ। जहां राज्य में खेती-किसानी की समस्याओं पर चर्चा किया और एक वैकल्पिक नीति के आधार पर किसान आंदोलन को व्यापक बनाने और संगठन को मजबूत करने के बारे में फैसला हुआ। 

हरियाणा : एक तरफ किसानों पर गोलीबारी, एक तरफ खैरात

हिसार के खेड़ी चौपटा से किसान खनौरी बार्डर पर कूच करने के लिए इकट्ठा हुए, लेकिन हिसार पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज और गोलीबारी करते हुए उन्हें घायल किया।

किसान आंदोलन : काला दिवस मनाते हुए भाजपा नेताओं के पुतले जलाए

होशियारपुर/अमृतसर। 21 फरवरी को शंभू सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में हरियाणा पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने  से एक युवा किसान शुभकरण सिंह...

खनौरी और शंभू बॉर्डर पर पुलिस की गोली से हुई किसान के मौत के बाद ‘दिल्ली चलो मार्च’ दो दिन के लिए स्थगित

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान खनौरी सीमा पर हुए घटनाक्रम की समीक्षा करेंगे,  जहां हरियाणा की पुलिस के साथ झड़प के बाद एक किसान की मौत हो गई। इस वजह से 'दिल्ली चलो मार्च' दो दिन स्थगित रहेगा।

शंभू बॉर्डर पर पुलिस की गोली से एक युवा किसान की मौत, राजनीतिक पार्टियों ने की घटना की निंदा

सरवन सिंह पंढेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खनौरी और शंभू बोर्डर पर सरकार ने बर्बरतापूर्वक आँसू गैस के गोले दागे। केंद्र सरकार के अर्द्ध सैनिक बालों ने पंजाब की सीमा में जबरिया घुसकर आंदोलनकारियों पर हमला किया। जिसमें युवा किसान शुभकारण सिंह की मौत हो गई। तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए और अनेक युवाओं का कुछ पता नहीं चल रहा है, वे लापता हैं।

पीयूसीएल ने किसानों के दमन के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की

पीयूसीएल किसानों के मार्च पर केंद्र सरकार की अलोकतांत्रिक, अत्याचारी प्रतिक्रिया की कड़ी निंदा करता है। केंद्र सरकार ने हिंसक कदम उठाए हैं किसानों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने से रोकना घोर अन्याय है।

किसान पूछ रहे हैं हमारी जायज़ मांग क्यों नहीं मान रही है

2021 में हुए किसान आंदोलन में तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने के बाद सरकार ने आने वाले दिनों में एमएसपी की गारंटी देने...

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