नयी दिल्ली। शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में कल तब अफरा तफरी मच गई, जब आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े गए और उसके बाद किसानों अर्द्ध सैनिक बाल की पुलिस ने उन पर गोली चलानी शुरू कर दी।
इस गोलीबारी में पंजाब के भटिंडा के बालोके गांव निवासी 22 वर्ष के युवा किसान शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। और तीन किसान बुरी तरह से घायल हैं। बहुत से नौजवान लापता हैं। शुभकरण सिंह अपने घर का इकलौता बेटा और कमाने वाला था।
शुभकरण किसानों के साथ दिल्ली जाने के लिए किसान आंदोलन में शामिल होने आए थे।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि खनौरी और शंभू बोर्डर पर सरकार ने बर्बरतापूर्वक आँसू गैस के गोले दागे। केंद्र सरकार के अर्द्ध सैनिक बलों ने पंजाब की सीमा में जबरिया घुसकर आंदोलनकारियों पर हमला किया। जिसमें युवा किसान शुभकारण सिंह की मौत हो गई। तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए और अनेक युवाओं का कुछ पता नहीं चल रहा है, वे लापता हैं।
उन्होंने हरियाणा के एक बुजुर्ग किसान का हाथ-पैर तोड़कर बोर में भरकर खेत में फेंक दिया। इतनी क्रूरता के बाद उन्होंने किसानों के लगभग 25 ट्रेक्टर्स और ट्रॉलियों की तोड़-फोड़ करते हुए नुकसान पहुंचाया है।
खनौरी बॉर्डर पर कई नौजवान मिसिंग हैं, और पैरामिलिट्री फोर्सेज ने पंजाब में घुसकर एक बुजुर्ग को बोरे में डाल कर उनके हाथ पांव तोड़कर खेतों में फेंक दिया : सरवन सिंह पंढेर pic.twitter.com/jHpyCcwe3M
— Garvit Garg (@garvitgarg15) February 21, 2024
इसके साथ ही पटियाला स्थित राजिंदर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एचएस रेखी ने संवाददाताओं से कहा कि तीन लोगों को खनौरी सीमा बिंदु से अस्पताल लाया गया जिनमें से एक की मौत हो चुकी थी।
उन्होंने बताया कि मृतक के सिर पर चोट लगी थी जबकि अन्य दो लोगों की हालत स्थिर है।
13 फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा और अनेक किसान संगठनों द्वारा किसान एमएसपी की गारंटी और कुछ दूसरी मांगों के लिए आंदोलनरत हैं। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, किसानों के कर्ज की पूर्ण माफी, किसानों को पेंशन और प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ 2020-21 में मामले दर्ज किए गए मुकदमों की वापसी की मांग के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं।
13 फरवरी से 18 फरवरी तक सरकार और किसानों के बीच चार दौर की बातचीत हुई, जिसमें सरकार ने किसानों की मांग को अनसुना करते हुए बेनतीजा खत्म कार दिया। जबकि 2021 में तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद सरकार ने एमएसपी गारंटी देने का वादा किया था।
2021 के बाद किसानों ने जब यह देखा कि सरकार एमएसपी पर कोई कानून नहीं लाई और 2024 का चुनाव भी आ गया तब 13 फरवरी से कैसनों ने अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक आंदोलन शुरू किया।
पूरे देश में इस कार्यवाही और युवा किसान की मौत को लेकेर मोदी सरकार की आलोचना हो रही है वहीं आने राजनैतिक पार्टियों के नेता भी इसकी घोर आलोचना कर रहे हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में हुई उस घटना की निंदा की जिसमें एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत हो गई।
येचुरी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के तहत हरियाणा पुलिस की उस कार्रवाई की मैं निंदा करता हूं जिसमें युवा किसान प्रदर्शनकारी शुभकरण सिंह की मौत हो गई।’’
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि वह पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक युवा किसान की मौत से दुखी हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘हम पूरी तरह से शुभकरण के साथ हैं और उनके कातिलों को कड़ी सजा दिलवाएंगे।’
मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। किसान की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’
पंजाब के नौजवान शुभकरण की मौत बेहद दुखदाई है। क्या इसी दिन के लिए हमने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी कि एक दिन अपने ही देश में हमारे द्वारा चुनी हुई सरकारें हमारे ही बेटों को अंग्रेजों की तरह शहीद कर देगी? हम पूरी तरह शुभकरण के साथ हैं और उनके क़ातिलों को कड़ी सज़ा दिलवायेंगे। https://t.co/pZzkgZr5qo
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 21, 2024
पंजाब के मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि किसान अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्यों नहीं जा सकते। उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा ने उन्हें क्यों रोका? वे शांतिपूर्ण तरीके से हरियाणा की सीमाओं पर पहुंचे, अगर हरियाणा सरकार ने उन्हें नहीं रोका होता, तो वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर जा सकते थे, जहां वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते।’
मान ने कहा कि केंद्र उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए जगह दे सकता था।
खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है।
मित्र मीडिया के पीछे छिपी भाजपा से एक दिन… pic.twitter.com/Gq8igo757S
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 21, 2024
भारत जोड़ों न्याय यात्रा कर रहे राहुल गांधी ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एक्स पर लिखा,’खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुभकरण की मौत पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘पंजाब के नौजवान शुभकरण की मौत बेहद दुखदाई है। क्या इसी दिन के लिए हमने आजादी की लड़ाई लड़ी थी कि एक दिन अपने ही देश में हमारे द्वारा चुनी हुई सरकारें हमारे ही बेटों को अंग्रेजों की तरह शहीद कर देंगी?
मान ने कहा कि कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। हालांकि उन्होंने खनौरी की घटना के संदर्भ में हरियाणा पुलिस पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया।
केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधते हुए मान ने कहा कि किसानों की मांग को लेकर 22 जनवरी 2021 से मोदी सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर तीन साल में उनसे बात की गई होती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।