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Nagar Nigam
सोनभद्र : तीस वर्ष से सड़ते हुए पानी बदबू झेलने को मजबूर नई बस्ती के निवासी
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वाराणसी : टैक्स बकाया को लेकर बीएचयू ने नगर निगम पर उठाया सवाल, कहा- नहीं मिलती सुविधाएँ
वाराणसी। जनता को बुनियादी सुविधाएँ न देने का आरोप नगर निगम पर अरसे से लगता आ रहा है। निगम की लचर कार्यप्रणाली पर सवाल...
खबर का असर : बन गई गली, वाराणसी के ‘नई पोखरी’ के लोगों को मिली राहत
मोहल्ले की गलियों में दुर्दशा को लेकर गाँव के लोग डॉट कॉम ने गत आठ अगस्त को वॉर्ड नम्बर 64 पर जातीय और धार्मिक...
‘गड्ढामुक्त’ का सरकारी दावा असलियत में बदहाल सड़कों पर चलना हुआ मुश्किल
लंका से रवीन्द्रपुरी कॉलोनी में थोड़ी ही दूर चलने के बाद आँखों में जलन होने लगती है। मैं गाड़ी रोककर आँख साफ कर ही...
काशी को क्योटो बनाना महज एक खयाली पुलाव, जबकि वास्तविकता नरक के दर्शन कराती है
वाराणसी। काशी को क्योटो बनाने की कल्पना सात-आठ वर्ष पूर्व जिस बीजेपी की सरकार ने की थी, धरातल पर उसकी सच्चाई कुछ और ही...
शहर में जलभराव का कारण नेताओं और ठेकेदारों की खाऊ-कमाऊ नीति है
वर्मा चौराहे का पानी गढ़ीवा एवं ज्वालागंज का पानी तालाब में जाता था। लेकिन फैले हुए अतिक्रमण और तालाबों के बिगड़े स्वरूप ने रास्ते बन्द कर दिये, जिससे जलभराव की समस्या बढ़ गयी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से फतेहपुर शहर का अतिक्रमण साफ नहीं हो पा रहा है और तालाब कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं होती है। नाला-नालियों के निर्माण में छोटे को बड़ा और बड़े को छोटा किया गया। उदाहरण के तौर पर अरबपुर में मासूक की पुलिया से सीधा पूरब की ओर देखें तो पता चल जायेगा कि अतिक्रमण के चलते सफाई नहीं हो पाती है। लगभग 10 साल से सफाई नहीं हुई है।
‘नर्क’ में रहते हैं वाराणसी के बघवानालावासी, अपना मकान भी नहीं बेच सकते
वाराणसी। हुकुलगंज के बघवानाला की गलियों में मेरे घुसते ही जमीन के किनारों से सैकड़ों-हजारों मच्छर उड़ने लगे। हाथ के पंजों से झटका देते...

