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nirmla sitraman
गरीबों, चरवाहों एवं किसानों की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की सरकारी रणनीति
देश में अमीरों और गरीबों की जनगणना तो नहीं हुई है लेकिन इसके बाद यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि देश की 80 करोड़ जनता गरीबी में जीवनयापन कर रही है, जिन्हें सरकार हर महीने 5 किलो राशन देती है। लेकिन वर्ष 2024 के आम बजट में इन गरीबों के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया गया। सवाल यह है कि कब इनके ऊपर सरकार मेहरबान होगी।
विनिवेश में प्राथमिकता मिले गैर-हिंदू उद्यमियों को
विनिवेश की हिस्ट्री में एयर इंडिया का टाटा के हाथों में जाना एक नयी और सुखद घटना थी, इसलिए इस पर लोगों की राय जानने के लिए मैंने एक बड़े अख़बार में इससे जुड़ी खबर की फोटो की खींचकर उसके साथ फेसबुक पर इस शीर्षक- अपने ईष्ट से प्रार्थना करें कि देश हिंदुओं के बजाय गैर- हिंदू व्यवसायियों के हाथ में बिके- के साथ निम्न पोस्ट डाल दिया।

