Monday, June 23, 2025
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Varanasi : NTPC के हरित कोयला प्लांट में कचरे से बन रहे कोयला के प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर

वाराणसी में NTPC के हरित कोयला प्लांट में कचरे से तैयार किए जा रहे कोयले से प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका स्थानीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस प्लांट का उद्देश्य कचरे के पुनः उपयोग के जरिए कोयला उत्पादन को पर्यावरण-संवेदनशील बनाना था, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स ने चिंता पैदा कर दी है।

प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में जमकर हुई आतिशबाजी, वायु गुणवत्ता का स्तर घटा

नई दिल्ली(भाषा)।  दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी के कारण सोमवार को प्रदूषण का स्तर फिर काफी बढ़ गया और...

दिल्ली में दिखा साफ आसमान, वायु गुणवत्ता में आया सुधार

नई दिल्ली (भाषा)।  राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह हल्की धूप खिलने के साथ ही साफ-नीला आसमान दिखा और लोगों को पिछले दो सप्ताह से...

दिल्ली में दीवाली के पहले ही बढ़ा वायु प्रदूषण, आपात उपाय पर विचार जारी

नई दिल्ली (भाषा)। त्योहार के पूर्व दिल्ली की वायु गुणवत्ता का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण फैला रहे...

करसड़ा डम्पिंग ग्राउंड : प्रदूषण, बदबू और बीमारियों से नरक होता आस-पास के गाँवों का जीवन

एक तरफ जहां करसड़ा प्लांट से उठने वाली बदबू और कूड़े के ढेर से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से चिंतित हैं तो वहीं इसी गाँव के दूसरे छोर पर घर में ही दुकान चलाने वाले प्रमोद कुमार सिंह की निकट भविष्य में आने वाली कठिनाइयां, जो कि कूड़े के ढेर से निकली बदबू के कारण बेटी के हाथ पीले करने में हो सकती हैं,को जोड़कर चिंतित दिखे। करसड़ा डंपिंग ग्राउंड से लौटकर राहुल एस यादव की रिपोर्ट।

बदल रहा है पीर पंजाल में पर्यटन का दौर

'पिछले कुछ महीनों में पुंछ में पर्यटन को लेकर जितना काम हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ था। पुंछ और उसके आसपास कश्मीर जैसे उत्कृष्ट पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें हमेशा नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है। उन्होंने सार्वजनिक स्तर पर पर्यटन के बारे में जागरूकता लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।'

जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होतीं किशोरियां

प्राकृतिक घटनाओं में जिस तरह से एक के बाद एक बदलाव आए हैं, वह जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम हैं। अचानक तूफ़ानों की संख्या...

पर्यावरण के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता

पिछले महीने जुलाई को धरती का अब तक का सबसे गर्म महीने के रूप में रिकॉर्ड किया गया है। एक तरफ जहां भारत और...

पर्वतीय इलाकों में ग्लोबल वार्मिंग के चलते हो रहा है पलायन

 उत्तराखण्ड राज्य के रूरल डेवलपमेंट और माइग्रेशन कमीशन के अनुसार राज्य के ग्रामीण इलाकों में तापमान बढ़ रहा। साथ ही शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य सुविधाओं...

पर्यावरण में जहर घोलता सिंगल यूज प्लास्टिक

राजस्थान। पिछले दशकों में पर्यावरण का तेज़ी से क्षरण हुआ है और प्लास्टिक ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। ख़ासकर सिंगल यूज प्लास्टिक ने...

इस सरकार का संकल्प किसानों को मजदूर बनाने का है

आज हम रायगढ़ शहर से दस किलोमीटर दूर संबलपुरी गाँव पहुंचे, जो आदिवासीबहुल गाँव है, जो एक समय अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के साथ प्राकृतिक संपदा और वहां मिलने वाले फल और खाद्य संसाधनों से भरा-पूरा था। तेंदू, आंवला, हर्रा, बहेड़ा, चार, कुर्रू, महुआ, डोरी, खेकसा के घने जंगल थे, जहाँ से इन सबको मौसम के अनुसार इकट्ठा कर आदिवासी स्त्रियाँ शहर में बेचने आया करती थीं जिनका खेती-किसानी के अलावा यह एक अन्य आर्थिक आधार था।

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