भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. नहर का निर्माण 20 साल पहले हुआ था और पानी केवल एक बार आया था। गांव का संपर्क मार्ग एक नहर से होकर गुजरता है जिसमें गड्ढे ही गड्ढे हैं और बरसात के दिनों में इससे गुजरना बहुत मुश्किल होता है।
गाजीपुर जिले की सिधौना बाज़ार की मुख्य सड़क पिछले 8-10 वर्षों से उपेक्षा की शिकार रही है। उत्तर प्रदेश की वर्तमान बीजेपी की सरकार भले ही बारिश शुरू होने से पहले सडकों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान जारी करती है लेकिन गड्ढा मुक्ति का उसका अभियान अभी फेल ही नजर आ रहा है।
जबसे पक्की सड़क बनी है, तब से कई समस्याएं सुलझ गई हैं। अब गांव की किशोरियां भी आराम से स्कूल और कॉलेज आना-जाना कर लेती हैं। यदि किसी कारणवश कॉलेज से आने में लेट भी हो जाती है तो सड़क से गुजरने में जहां हमें कोई डर नहीं रहता है, वहीं अभिभावक भी हमारी सुरक्षा को लेकर कम चिंतित होते हैं। अब कोई भी, किसी भी समय इस सड़क से गुज़र सकता है।
लाखों की संख्या में यहाँ लोग रहते हैं। हिन्दू, क्रिश्चियन के साथ अच्छी संख्या मे मुस्लिम आबादी भी यहाँ है। यहाँ के ज्यादातर लोग मध्यवर्गीय या निम्न मध्यवर्गीय समाज से हैं। यह वह समाज है जो एडजस्ट करने का हुनर पेट से लेकर ही पैदा होता है। पानी की सप्लाई लाइन बिछी हुई है पर पानी कभी-कभार ही आता है। जिसकी वजह से पानी यहाँ का सबसे बड़ा बिज़नस बना हुआ है। घरेलू कामों के लिए टैंकर से पानी का व्यापार चल रहा है तो प्यास बुझाने के लिए प्यूरीफाई पानी बोतलों में बंद कर बेंचा जा रहा है। शायद दुर्भाग्य ही है कि यहाँ के लोगों को अभी कोई ऐसा नेता नहीं मिला है जो इनके हित में संघर्ष कर सके।