जहां भारत जोड़ो न्याय यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता चरम पर है, वहीं काँग्रेसी, पार्टी छोडकर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का आला कमान इस खबर से बेपरवाह है। ऐसे में उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि को खंगाला जाये तो ये वही दो प्रतिशत लोग हैं, जिनका देश की संपदा-संसाधनों, उद्योग-धंधों, मीडिया, उच्च शिक्षण संस्थाओं, न्यायपालिका, शासन-प्रशासन सहित समस्त स्रोतों पर एकाधिकार है
अबकी बार 400 पार का' जो नारा उछाला, उसका समर्थन करते हुए अमित शाह से लेकर भाजपा के बाकी कनिष्ठ-वरिष्ठ नेताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 370 और राजग 400 से अधिक सीटें मिलेंगी और देश, विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा। मोदी के दावे के बाद मीडिया में सर्वेक्षणों की बाढ़ भी आ गई, जिसमें उनके दावे को सही ठहराने का बलिष्ठ प्रयास हुआ। दरअसल मोदी ने 400 पार के ज़रिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ा है। भाजपा के लिए 2024 में 200 सीटें पाना भी मुश्किल है। उनके दावे को खारिज़ करने वालों का मानना है कि चूंकि मोदी ने राजसत्ता का बेइंतहा दुरुपयोग किया है और हारने पर उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, इसलिए जीतने के लिए उद्भ्रांत होकर एक मनोवज्ञानिक युद्ध छेड़ा है।
यूएनडीपी द्वारा प्रकाशित मानव विकास सूचकांक, 2021 में भारत का स्थान 132वां है, जो पड़ोसी मुल्कों से भी नीचे है। इसके साथ ही वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में भारत का स्थान 116 देशों में 101वां है, जो 2020 में 90वां था। यह गिरावट इंगित करता है कि अपने देश में खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद वितरण के स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं सक्षम तंत्र की लुंज-पुंज स्थिति के कारण सभी नागरिकों को भरपेट भोजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।