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tasneem patel.
शब्द और परिस्थितियों में अंतर्संबंध डायरी (10 सितम्बर,2021)
जीवन में संयोग जैसा कुछ होता है, इसमें यकीन नहीं है। अलबत्ता कुछ खास कारणों से कुछ खास परिस्थितियां जरूर बन जाती हैं और...
चींटी के पहाड़ पर चढ़ने के हौसले की कहानी
अपर्णा -
आत्मकथा लिखने के लिए जिस साहस और ज़ज्बे की आवश्यकता होती हैं वह दोनों ही तसनीम जी के भीतर मौजूद हैं I आत्मकथा का कोई भी ऐसा अंश पकड़ में नहीं आता जहाँ सच्चाई महसूस न होती हो I ईमानदारी से जुटाएं गए तजुर्बों और हौसलों की सच्ची दास्तान पाठक के मन को गहरे तक द्रवित करने का पूरा दमख़म रखती है I पितृसत्तात्मक मानसिकता स्त्री की आजादी को बहुत कम महत्त्व देती है या यूँ कहिए की स्त्रियों की ‘आज़ादी’ जैसा कोई टर्म उनके शब्दकोश में है ही नहीं I