देवरिया के नागरिक मंच ने भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानून को लेकर पुनर्विचार कर संशोधन की मांग के साथ यूएपीए को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है की इस कानून से पुलिस वालों की अधिकार शक्ति बढ़ने से जनता के प्रति दुरुपयोग बढ़ेगा।
समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से सरकार लगातार भयभीत होती दिखाई देती है। इस वजह से पिछले दस वर्षों से भाजपा ने लगातार लोगों के बोलने पर रोक लगाई। जिन लोगों ने उनके खिलाफ बोला या लिखा उन्हें या तो जेल में डाल दिया या उन पर सख्त कार्रवाई की गई।
न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती यूएपीए मामले में जेल में बंद हैं। दिल्ली पुलिस ने आज चार्ज-शीट दाखिल कर दी है।
बीते अक्टूबर में गैरकानूनी गतिविधि निवारक अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत चक्रवर्ती और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था और चालीस से ज्यादा जगहों पर छापे मारकर अलग-अलग पत्रकारों से पूछताछ की गई थी
नयी दिल्ली, (भाषा)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन के लिए न्यूजक्लिक और उसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के...