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Ujala
अम्बेडकरी विचारों को आत्मसात करने वाले लाहौरी राम बाली का अवसान
बहुत से लोग अपने को बुद्धिस्ट तो कहते थे लेकिन आरक्षण के लाभ से वंचित न हो जाएं, इसलिए आधिकारिक तौर पर ये स्वीकार नहीं करते थे। वहीं बाली ने कहा कि वे जो करते हैं, खुल कर करते हैं। बाद में 1990 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने कानून में परिवर्तन कर नव बौद्धों को आरक्षण की सुविधा का लाभ देने की घोषणा की।
केसी सुलेख जिन्होंने संविधान सभा में बाबा साहब का ऐतिहासिक भाषण सुना था
25 नवंबर, 1949 को बाबा साहब अंबेडकर संविधान सभा में अपने दिल से निकली बात रख रहे थे कि आज हमने राजनैतिक जीवन में...