Sunday, August 24, 2025
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सामाजिक संवाद की कड़ियाँ टूटने से अकेले पड़ते जा रहे हैं बुजुर्ग

औसत उम्र में वृद्धि होने के बाद देश में बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन सामाजिकता में लगातार कमी आई है, जिसकी वजह से बुजुर्गों में अकेलेपन की समस्या बढ़ गई है। इस बढ़ती हुई समस्या के लिए  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सामाजिक संपर्क के लिए एक आयोग की स्थापना तीन वर्षों के लिए की है। स्वास्थ्य संगठन की चिंता वाजिब है लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की सामाजिकता  से क्या हल निकल पायेगा या यह केवल खानापूर्ति ही साबित होगा।

देश में कोविड-19 के 702 नए मामले, छह मरीजों की मौत

नई दिल्ली (भाषा)। देश में बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 702 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ कर 4,097...

देश में बढ़े कोरोना के मामले, मिले 640 नए मरीज, केरल में एक और मौत

दिल्ली। साल का अंत होते-होते कोरोना संक्रमण ने फिर से रफ्तार पकड़ लिया है। आज देश में कोरोना के 640 नए मामले दर्ज किए...

साल 2022 में वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड 75 लाख लोगों में टीबी का पता चला- डब्ल्यूएचओ

नयी दिल्ली, (भाषा)।  वर्ष 2022 में दुनिया में कुल 75 लाख लोगों में तपेदिक (टीबी) होने का पता चला। यह 1995 में विश्व स्वास्थ्य...

जम्मू का एक गाँव जहाँ हर घर में दिव्यांग पैदा होते हैं बच्चे

भारत में गांव हो या शहर, कहीं ना कहीं कोई दिव्यांग पुरुष और महिला नजर आ ही जाती है। लेकिन देश में एक ऐसा...

महिला जागरूकता से ही संभव है स्वस्थ समाज का निर्माण

मुजफ्फरपुर (बिहार)। स्वस्थ मातृत्व और स्वस्थ शिशु ही समाज और राष्ट्र के लिए मानव संसाधन को पूरा कर सकते हैं। तभी देश का चहुंमुखी...

स्वास्थ्य के साथ अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा है दूषित भोजन

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 600 मिलियन मामले केवल असुरक्षित भोजन और खाद्य जनित बीमारियों के कारण होते हैं। इससे लगभग प्रतिवर्ष चार लाख बीस हज़ार लोगों की मौत हो जाती है। असुरक्षित भोजन न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी एक गंभीर खतरे का संकेत देता है।

हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं…

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष आलेख हम अपने आसपास बहुत से लोगों को धूम्रपान तथा तंबाकू का सेवन करते अक्सर देखते हैं। यह लोगों...

प्रधानमंत्री का स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन कथनी और करनी के विद्रूप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन कुछ ऐसा था कि जो कुछ उन्होंने कहा वह चर्चा के उतना योग्य नहीं है जितना कि...

है सब्ज:जार हर दर-ओ-दीवार-ए-गमकद (डायरी 7 मई, 2022) 

मिर्जा गालिब अलहदा साहित्यकार रहे। उनकी रचनाएं संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं। हालांकि मैं यह नहीं कह सकता कि जो गालिब को पढ़ता-समझता हो, वह...

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