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zahrili sharab
कफनचोर (डायरी 6 नवंबर, 2021)
साहित्य को लेकर एक सवाल मेरी जेहन में हमेशा बना रहता है। सवाल यही कि उस साहित्य को क्या कहा जाय, जिसके पात्र और...
बिहार का अंधा हुक्मरान, बेजुबान अखबार (डायरी 4 नवंबर, 2021)
बचपन में यह नाटक पढ़ा था– अंधेर नगरी, चौपट राजा। यह कमाल का नाटक है। कमाल इसलिए कि यह हर समय प्रासंगिक है। आज...
बिहार में नकारात्मकता और सुशासन के हवा-हवाई दावे (डायरी 30 अक्टूबर, 2021)
आदर्श राज्य की परिभाषा को लेकर मन में हमेशा सवाल रहा है। हालांकि इस मामले में मैं खुद को अल्पज्ञ मानता हूं। वजह यह...

