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ताज़ा ख़बरें

यशपाल और विद्रोही जैसे रचनाकार मानव–मुक्ति के बड़े रचनाकार हैं – डॉ. रामबाबू आर्य

दरभंगा  में जसम ने मार्क्सवादी कथाकार यशपाल एवं जनकवि रमाशंकर यादव विद्रोही को उनकी जयंती पर शिद्दत से याद किया और एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया।

वाराणसी : सर्व सेवा संघ परिसर को नष्ट कर सरकार परम्परा और संस्कृति...

गांधी की विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का आज 84 वां दिन है। आज गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को अपनी श्रद्धांजलि दी।

भोपाल गैस त्रासदी : असंवेदनशील भारत सरकार ने पीड़ितों के हिस्से के मुआवजे के...

भोपाल गैस त्रासदी में हजारों मरने वाले और लाखों पीड़ित लोगों के लिए सरकार कितनी चिंतित थी, यह इस बात से ही पता चलता है कि औद्योगिक आपदा के मुख्य खलनायक - यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष वॉरेन एंडरसन को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नेताओं ने भगाने में मुख्य भूमिका निभाई। अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई और अब  मुआवजा की राशि के लिए भारत सरकार ने खुद को कानूनी अधिकारी बनाकर पीड़ितों को इस अधिकार से वंचित कर दिया। 

दूसरी पीढ़ी के तुर्क-जर्मन फिल्मकार फातिह अकीन ने तुर्की के विस्थापितों का सिनेमा बनाया

फातिह अकीन दूसरी पीढ़ी के तुर्क- जर्मन फिल्मकार हैं, जिनकी फिल्मों की विषय-वस्तु प्रवासियों के जीवन से जुड़े मुद्दे हैं। फातिह अकीन ने जर्मनी के मेनस्ट्रीम सिनेमा में अपनी अलहदा फिल्म निर्माण शैली से जान फूंकने का काम करने के साथ ही प्रवासी तुर्कों के मुद्दों को भी प्रमुखता देने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।

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मौजूदा फासिस्ट सत्ता के ध्वंस से ही बनेगा भगत सिंह और पाश के सपनों...

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अंडिका गांव में तीसरे दिन भी किसानों और मजदूरों का धरना

हम एसडीएम फूलपुर से इस बाबत पत्रक के साथ मिले तब उन्होंने और उनके सह कर्मचारी ने इस सर्वे के बारे में अनिभिज्ञता जताई और स्पष्ट कहा कि ऐसे किसी सर्वे की जानकारी हमें नहीं है।

बकवास करने का अधिकार केवल ब्राह्मण वर्गों को है (डायरी 21 मई, 2022) 

हम जिस देश में रहते हैं, वहां बकवास बहुत...

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