Sunday, September 8, 2024
Sunday, September 8, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमपर्यावरण

पर्यावरण

जयपुर : शहर से बाहर स्लम बस्तियों में रहने वालों को कब मिलेगा पीने का साफ पानी

देश में 76 प्रतिशत लोग पहले ही पानी की कमी से जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से स्लम बस्तियों में रहने वाले लोग साफ पानी के अभाव में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। आने वाले वर्षों में यह समस्या और बढ़ सकती है , इस बात को देखते हुए ऐसी योजनाओं पर काम करने की जरूरत है , जिससे सभी को साफ पानी उपलब्ध कराया जा सके।

बिहार : देश में स्वच्छता अभियान का असर स्लम बस्तियों पर दिखाई नहीं देता

देश के प्रधानमंत्री ने देश को साफ-सुथरा रखने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया। इस अभियान के तहत घर-घर कूड़ा इकट्ठा करने के लिए गाडियाँ जाने लगीं। लेकिन इसके बाद भी हर शहर के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां न कूड़ा लेने वाली गाड़ियां जाती हैं न ही साफ-सफाई वाले आते हैं। ऐसे में वहाँ रहने वाले गंदगी में रहने को मजबूर हैं। इससे एक बात सामने आती है कि केवल कुछ इलाकों को साफ किया जाता है बाकी को नहीं।

अरुणाचल में मेगा बांध परियोजनाओं में प्रस्तावित और तैयार बांध प्रकृति के लिए खतरा – सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया)

इधर लगातार बारिश से पहाड़ी इलाकों में तबाही की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद अरुणाचल प्रदेश में 169 से ज़्यादा प्रस्तावित बांध हैं, जो प्रकृति का दोहन करेंगे और लोगों के लिए ख़तरा बनेंगे। सरकार को वहाँ के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क होना जरूरी है।

उत्तराखंड : विकास के जुनून में पर्यावरण और स्थानीय आबादी को बर्बाद करने की परियोजना

प्राकृतिक रूप से समृद्ध उत्तराखंड के जंगल प्राकृतिक आपदाओं के साथ मनुष्यजनित नुकसान के कारण खत्म होते जा रहे हैं। जिसकी वजह से हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों में इस बार गर्मी मैदानी इलाकों के जैसे ही पड़ी। गर्मियों में सबसे ज्यादा खतरनाक जंगलों में आग लगना है, जिसके कारण जंगल में रहने वाले जीव-जन्तु तो मरते ही हैं, मनुष्य का जीवन भी खतरे में पड़ जाता है। उत्तराखंड के जंगलों से विद्याभूषण रावत की ग्राउन्ड रिपोर्ट

पर्यावरण : आग की भट्ठी बना देश का अधिकांश हिस्सा, 37 शहरों में तापमान 45 से ज्यादा

देश के बड़े हिस्से में रविवार को भीषण गर्मी का कहर देखने को मिला और 37 शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के चलते ही महाराष्ट्र के अकोला में प्रशासन ने सार्वजनिक समारोहों पर लगाई रोक लगा दी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दो-तीन दिनों में राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य के विनाश के खिलाफ जारी है जनता का संघर्ष

छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार हसदेव अरण्य के जंगल के बड़े हिस्से को साफ करने के लिए पूरी ताकत से आगे बढ़ रही है,...

दिल्ली की वायु गुणवत्ता को IMD ने बताया गम्भीर, कुछ दिन तक राहत के आसार नहीं

नई दिल्ली (भाषा)। दीवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता आज बहुत खराब और गंभीर श्रेणी के बीच रही। ऐसा इसीलिए हुआ, क्योंकि प्रतिकूल...

चमकते शहर की तलाश में उपेक्षित होते जा रहे हैं गांव

वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में वर्ष 2022 में भी लगातार छठी बार इंदौर को देश के सबसे साफ़ शहर के रूप में चुना गया है।...

दिल्ली में आठ और सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान हुई..

नई  दिल्ली (भाषा)।  दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा 13 सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों...

आधे से अधिक ग्लेशियर सदी के अंत तक पिघल जाएंगे

नई दिल्ली(भाषा)। वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ता तापमान, बर्फ के पहाड़ों  का पिघलना, भारी वर्षा और अनियंत्रित निर्माण के साथ बढ़ते प्रदूषण के...

अरब सागर में निम्न दबाव प्रणाली के चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका

नई दिल्ली (भाषा)। दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर दबाव का एक क्षेत्र में विकसित हो गया है जिससे 21 अक्टूबर की सुबह...