Sunday, July 7, 2024
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छत्तीसगढ़ में 75.08 फीसदी हुआ मतदान, शांतिपूर्ण मतदान के बीच जंगली हाथी ने एक व्यक्ति को कुचला

रायपुर (भाषा)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को 70 सीट के लिए दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान शाम पांच बजे समाप्त हो गया और इस दौरान 75.08 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के लिये […]

रायपुर (भाषा)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को 70 सीट के लिए दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान शाम पांच बजे समाप्त हो गया और इस दौरान 75.08 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के लिये 1,63,14,479 मतदाता थे। इस चरण में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आठ मंत्रियों और चार सांसदों समेत 958 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। राज्य में चुनाव के बाद मतदान दल की वापसी के दौरान नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के एक जवान की मौत हो गया । वहीं मतदान के दौरान एक महिला की मौत हो गयी तथा मतदान करने जा रहे एक व्यक्ति को जंगली हाथी ने कुचल दिया।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राजिम जिले की नक्सल प्रभावित बिंद्रानवागढ़ सीट के नौ मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ तथा दोपहर बाद तीन बजे समाप्त हो गया। अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ जहां शाम पांच बजे तक मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे मतदान की समाप्ति तक 70 सीट के लिए 75.08 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। मतदान के दूसरे चरण में सबसे अधिक खरसिया सीट पर 86.54 फीसदी तथा राजधानी रायपुर की रायपुर नगर पश्चिम सीट पर सबसे कम 55.93 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि यह आंकड़ा अंतिम नहीं है। अन्य क्षेत्रों से जानकारी मिलने के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण में 72 सीट पर हुए मतदान में 76.62 फीसदी मतदान हुआ था । अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को शुरुआत में मतदान धीमा रहा, लेकिन समय बीतने के साथ ही मतदाता बड़ी संख्या में मतदान के लिए अपने घरों से निकलने लगे। बाद में मतदान केंद्रों के सामने लंबी कतारें देखी गईं। राज्य के नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बड़ेगोबरा गांव के करीब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया। इस घटना में मतदान दल की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी के प्रधान आरक्षक जोगिंदर सिंह की मृत्यु हो गई। बड़ेगोबरा मतदान केंद्र बिंद्रानवागढ़ क्षेत्र के उन नौ मतदान केंद्रों में से एक है जहां सुबह सात बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक मतदान हुआ।

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विधानसभा क्षेत्र में एक महिला की मतदान के दौरान मृत्यु हो गई। कसडोल विधानसभा सीट के निर्वाचन अधिकारी भूपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र के मल्दा ग्राम पंचायत के मतदान केंद्र क्रमांक 76 में सहोदरा बाई निषाद (58) मतदान के लिए कतार में खड़ी थी। उन्होंने बताया कि वह अपनी बारी का इंतजार कर रही थी तभी अचानक नीचे गिर पड़ी। मतदानकर्मियों की सहायता से परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एक अन्य घटना में, कोरिया जिले के कोरिया वन मंडल में खड़गवां वन परिक्षेत्र के मंगोरा गांव में मतदान करने जा रहे उमेन्द्र सिंह (25) की जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सिंह जब घर से निकला तब गांव के करीब एक जंगली हाथी घूम रहा था। हाथी को देखने बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जब सिंह वहां पहुंचा तब हाथी भीड़ की तरफ दौड़ा और सिंह को कुचलकर मार डाला। सिंह के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि दी गई है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और उनकी पत्नी सुप्रभा हरिचंदन ने राजधानी रायपुर के सिहावा भवन सिविल लाइंस स्थित आदर्श मतदान केंद्र पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र पाटन के कुरूदडीह गांव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बघेल ने सोशल मीडिया में एक तस्वीर साझा की जिसमें वह गांव के एक मतदान केंद्र में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। बघेल ने लिखा, ‘मतदान के लिए अपनी बारी का इतंज़ार..’

मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

बघेल के क्षेत्र पाटन में भाजपा ने उनके दूर के भतीजे और पार्टी सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी की पाटन में उम्मीदवारी ने मुकाबले में एक नया आयाम जोड़ दिया है। मतदान से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए, बघेल ने कहा कि उनकी पार्टी (90 सदस्यीय विधानसभा में) 75 से अधिक सीटें जीतेगी और पाटन क्षेत्र में एकतरफा मुकाबला है। पाटन में संभावित त्रिकोणीय मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर, बघेल ने इससे इनकार किया और कहा कि लोग और किसान (उनकी ओर से चुनाव) लड़ रहे हैं तथा मुकाबला एकतरफा है।

विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और उनकी पत्नी तथा कोरबा से सांसद ज्योत्सना महंत, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, राज्य सरकार में मंत्री अनिला भेड़िया, रविंद्र चौबे, उमेश पटेल, जयसिंह अग्रवाल, अमरजीत भगत और विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण साव (प्रत्याशी लोरमी क्षेत्र) ने बिलासपुर शहर में तथा केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह (प्रत्याशी भरतपुर-सोनहत) ने सूरजपुर जिले के परशुरामपुर गांव में मताधिकार का प्रयोग किया।

साजा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू ने बिरनपुर गांव में अपने परिवार के साथ मतदान किया। इस वर्ष अप्रैल माह में एक सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ईश्वर साहू के पुत्र भुवनेश्वर साहू की हत्या हो गई थी। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने राजधानी के धरमपुरा में तथा मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने देवेंद्र नगर के मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में 827 पुरुष, 130 महिलाएं और लैंगिक रूप से तृतीय वर्ग के एक उम्मीदवार समेत कुल 958 प्रत्याशी हैं, जिनका चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो गया । उन्होंने बताया कि रायपुर शहर पश्चिम सीट पर सबसे अधिक 26 उम्मीदवार हैं, जबकि डौंडीलोहारा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम चार उम्मीदवार मैदान में हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में कुल मतदाताओं में से 81,41,624 पुरुष, 81,72,171 महिलाएं और 684 लैंगिक रूप से तीसरे वर्ग के मतदाता थे । दूसरे चरण के लिए 18,833 मतदान केंद्र बनाए गए थे। राज्य के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 44 सीट सामान्य वर्ग की हैं जबकि 17 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए और नौ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मतदान के लिए कुल 90,272 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया था। राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, बिलासपुर संभाग की कई सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है।

इस संभाग की कुछ सीटों पर जोगी की पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अच्छी-खासी मौजूदगी है। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस क्षेत्र में प्रचार किया था। दूसरे चरण में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन), विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (सक्ती), उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (अंबिकापुर), गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू (दुर्ग ग्रामीण) और रवींद्र चौबे (साजा) सहित राज्य के आठ मंत्रियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया।

भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरुण साव (लोरमी), नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा), केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह (भरतपुर-सोनहत-एसटी), सांसद गोमती साय (पत्थलगांव-एसटी), वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), अजय चंद्राकर (कुरुद) और पुन्नूलाल मोहिले (मुंगेली) दूसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार हैं। अंबिकापुर में टी एस सिंह देव के खिलाफ भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। अग्रवाल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

सूबे में 20 सीट पर पहले चरण का चुनाव सात नवंबर को हुआ था, जिसमें 78 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य में मतों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी। पिछले चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीट मिली थीं तथा भाजपा 15 सीट पर सिमट गई थी। उस चुनाव में जेसीसी (जे) को पांच और बसपा को दो सीट मिली थी। कांग्रेस के पास फिलहाल 71 विधायक हैं।

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