अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने पत्रकारों से कहा कि इसरो ने पृथ्वी की जलवायु और मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए अभियान शुरू करने की योजना भी तैयार की है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने यहां कहा कि इसके अलावा, इसरो संचार, दूर संवेदी उपग्रहों सहित नियमित वैज्ञानिक अभियानों पर भी काम कर रहा है।
गगनयान कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा कि पहली टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित है। अंतरिक्ष एजेंसी के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय द्वारा किए जाने वाले आगामी अभियानों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे पास अन्वेषण अभियान हैं। हमारी मंगल, शुक्र के साथ ही चंद्रमा पर फिर जाने की योजना है। हमारे पास पृथ्वी की जलवायु और मौसम के आकलन के लिए भी कार्यक्रम हैं।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसरो के वैज्ञानिक संचार और दूर संवेदन के लिए उपग्रहों के प्रक्षेपण जैसे नियमित अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘बहुत सारी चीजें करनी हैं और हम यह सब करने में बहुत व्यस्त हैं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वैज्ञानिक चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम रहे, इस पर उन्होंने कहा कि विक्रम ने अपना काम बहुत अच्छे से किया है। चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) के दौरान इसे अपने कार्यों को करने के लिए प्रोग्राम किया गया था। चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की थी।
सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो के पहले अभियान के बारे में सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल-1‘बिल्कुल ठीक’ है और लैग्रेंज बिंदु एल1 की 110 दिन की लंबी यात्रा पर है और ‘जनवरी के मध्य’ तक इसके इच्छित गंतव्य तक पहुंचने की उम्मीद है।
चेन्नई(भाषा)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने रविवार को कहा कि अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के अलावा इसरो मंगल, शुक्र और चंद्रमा सहित कई अन्वेषण अभियान को अंजाम देने को तैयार है।