उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही अंग दान के महत्व का प्रचार करने के लिए एक नीति बनाएगी, जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस नेक कार्य से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अंगदान के जरिये एक व्यक्ति, आठ लोगों की जान बचा सकता है। हमारा मानना है कि जीवनदान देने का यह नेक कार्य अधिक सराहना का पात्र है और हमारी सरकार एक ऐसे कार्यक्रम पर विचार कर रही है, जिससे मृत्यु के बाद अंग दान करने वाले व्यक्तियों को मान्यता और सम्मान मिले।
मृत्यु के बाद कोई भी व्यक्ति अंगदान कर अनेक लोगों अंगों की जरूरत पूरा कर उनके जीवन को बचाने के साथ बेहतर बना सकता है। शरीर के कुछ अंगों के साथ ऊतकों का अ भी दान किया जा सकता है। यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े,आंतों आँख के कार्निया, हड्डी त्वचा, हृदय के वाल्व, रक्त वाहिनियाँ,नसें, स्नायु आदि का दान किया जा साता है।
राव ने कहा कि सरकार अंग दान करने वाले व्यक्तियों को प्रमाण पत्र देने और पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने सहित अन्य संभावनाओं पर विचार कर रही है। जल्द ही अंग दान के महत्व का प्रचार करने के लिए एक नीति बनाएंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने ज्यादा संख्या में लोगों से इस मुहिम में शामिल होने की अपील की।
बेंगलुरु (भाषा)। बहुत से लोग मौत के बाद अपना शरीर मेडिकल कॉलेज को दान कर देते हैं और अपने शरीर के अनेक अंग ऐसे लोगों के लिए दान देते हैं, जिन्हें इसकी जरूरत होती है क्योंकि दान देने वाले को मालूम होता है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार होने से शरीर खाक में मिल जाएगा। विशेष बात यह कि दान देने का संकल्प लेने वाला, समाज में फैली हुई भ्रांतियों को नहीं मानता है। शासन लगातार अंगदान करने के लिए केम्पन चलाकर लोगों को प्रेरित करती है।
ऐसी ही एक खबर कर्नाटक से आई है कि कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार मृत्यु के बाद अपने अंग दान करने वाले व्यक्तियों का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की संभावनाओं पर विचार कर रही है।
कर्नाटक सरकार का ऐसी संभवानाओं पर विचार कर लागू करने के लिए आगे आना वास्तव में सराहनीय है।