आगरा (भाषा)। यूपी के आगरा से महिला दुष्कर्म के दो मामले सामने आए हैं। शर्मनाक यह है कि एक मामले में जनसुरक्षा की शपथ लेने वाला पुलिसकर्मी ही आरोपी है। आरोपी कांस्टेबल ने दलित महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया, उसके बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर फांसी पर लटका दिया। दूसरे मामले में गैंगरेप के बाद महिला को चलती कार से बाहर फेंक दिया गया। वह पुलिस को बेहोशी की हालत में मिली थी। दोनों मामलों में पुलिस कार्रवाई कर रही है।
होश में आने पर सामूहिक दुष्कर्म की शिकार महिला ने बताया कि एक मामले को निपटाने के लिए उसे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। मना करने के बाद उसे चलती कार से बाहर फेंक दिया गया। इससे पहले उसके साथ गैंगरेप किया गया। पुलिस के मुताबिक, सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 25 वर्षीय महिला 30 दिसंबर को आगरा के ‘इनर रिंग रोड’ पर बेहोशी की हालत में मिली थी।
आगरा के एक आश्रय गृह की कर्मचारी रही इस महिला के साथ 11 नवंबर को कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में एक महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक, महिला ने कहा कि उसे आरोपियों के एक दोस्त ने रेस्तरां में मिलने के लिए बुलाया था, जहां उसे नशीला पेय पदार्थ पिलाने के बाद इस घटना को अंजाम दिया है। इस मामले को लेकर आगरा शहर के पुलिस उपायुक्त सूरज कुमार राय ने कहा कि पीड़िता को मेडिकल जांच और इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
दलित महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या
दूसरी घटना में एक कांस्टेबल ने 25 वर्षीय दलित महिला के साथ बलात्कार किया और उसका गला घोंट दिया। पुलिस ने बताया कि महिला का शव बीते 29 दिसंबर को पुलिसकर्मी के किराए के कमरे में फांसी पर लटका हुआ मिला था। यह महिला इस घटना से एक दिन पहले कांस्टेबल के कमरे पर गई थी।
छत्ता के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आरके सिंह ने बताया कि आगरा में तैनात पुलिस कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह (27) को 25 वर्षीय महिला की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। कमरा छत्ता थानाक्षेत्र के बेलागंज में है। आगरा पुलिस ने कांस्टेबल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धाराओं 306, 376 एवं एससी/ एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।