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पंचायत चुनाव में टीएमसी पर हिंसा फैलाने का आरोप, टीएमसी प्रवक्ता ने कहा आरोप बेबुनियाद

पश्चिम बंगाल। यहाँ पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद नामांकन भरने के पहले दिन मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद से अब राज्य के अलग-अलग हिस्सों से भी लगातार हिंसा की ख़बरें आ रही हैं। स्थानीय ख़बरों के अनुसार उत्तर चौबीस परगना के मीनाखान में सीपीआईएम के कार्यालय को घेर कर उनके उम्मीदवारों को नामांकन […]

पश्चिम बंगाल। यहाँ पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद नामांकन भरने के पहले दिन मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बाद से अब राज्य के अलग-अलग हिस्सों से भी लगातार हिंसा की ख़बरें आ रही हैं। स्थानीय ख़बरों के अनुसार उत्तर चौबीस परगना के मीनाखान में सीपीआईएम के कार्यालय को घेर कर उनके उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोकने की कोशिश की गई, जिसमें सीपीएम नेताओं के घायल होने की खबर है।

सीपीआई ने कहा है कि तृणमूल के गुंडों ने उनके कार्यालय में उस वक्त हमला किया, जब वहां पार्टी ने नामांकन भरने की तैयारी कर रहे थे। इस झड़प में सीपीआई के तीन नेता सयनदीप मित्र, राना राय और सोमा दास को चोट पहुंची है।

वहीं, पूर्वी बर्दवान के शक्तिगढ़ के बाराशूल में सत्ताधारी पार्टी पर सीपीआईएम कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप है। माकपा ने कहा है कि, नामांकन के रास्ते में हमला किया गया। पार्टी ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने माकपा कार्यकर्ताओं पर डंडों से हमला किया। ईंटें भी बरसाई गईं।

विपक्षी दलों द्वारा सत्ताधारी तृणमूल पार्टी पर विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन भरने से रोकने के आरोपों पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। भाजपा, सीपीएम और कांग्रेस मिलकर कुछ स्थानों पर कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की। लेकिन हम इस पर नज़र रख रहे हैं और स्थिति अब सामान्य है।

हिंसा रोकने के लिए धारा 144 लागू

लेकिन खुद राज्य चुनाव आयोग ने कुछ स्थानों पर हिंसा की बात को स्वीकार किया है। इसलिए चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सभी नामांकन केंद्रों के एक किलोमीटर के दायरे में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का निर्देश दिया है। यह आदेश गुरुवार तक प्रभावी रहेगा।

राज्यपाल ने की शांति की अपील

राज्य में हिंसा की ख़बरों के बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि हिंसा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बोस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक पी परमेश्वरन द्वारा स्थापित संगठन भारतीय विचार केंद्रम जाने के बाद कहा कि ‘पश्चिम बंगाल में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए जाएंगे और किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव कराने के जिम्मेदार सभी पक्षकारों की जिम्मेदारी है कि समाज में शांति और सद्भाव बना रहे।

गौरतलब है कि राज्य में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं और आयोग के मुताबिक अब तक 10,000 से ज्यादा नामांकन पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। जिनमें अधिकांश विपक्षी दलों द्वारा दाखिल किए गए हैं।

बता दें कि इससे पहले बीते 10 जून को बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में निकाय चुनाव के दौरान केन्द्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी।

साथ ही कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान राज्य में केन्द्रीय बलों की तैनाती की मांग की है।

नित्यानंद गायेन गाँव के लोग डॉट कॉम के संवाददाता हैं।

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