वाराणसी। एक दिन के लिए भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनकर भारी विरोध के बाद निलंबित हुए संजय सिंह आज बनारस के एयरपोर्ट से विजय जुलूस की शक्ल में एक यात्रा निकाल रहे हैं। दिलचस्प है कि यात्रा के विज्ञापन पर बड़े-बड़े अक्षरों में उन्हें भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बताया गया है। पोस्टर में उनके साथ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी रहे सांसद बृजभूषण सिंह की भी तस्वीर है।
दो दिन पहले ही भारतीय कुश्ती संघ को केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भंग कर दिया था और नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को निलंबित कर दिया था। इस पर संजय सिंह ने बयान दिया था कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है।
एक चैनल को उन्होंने बताया था, ‘’उसका लेटर मुझे नहीं मिला है। लेटर देख लेने के बाद मैं बताता हूं कि आगे क्या करना है, क्या नहीं करना है। अभी कोई कमेंट नहीं। बस सुनने में आया है कि मेरे एक्टिविटी पर रोक लगाई गई है।‘’
ऐसा लगता है कि संजय सिंह ने अब तक या तो चिट्ठी नहीं देखी है या फिर उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा कि उनकी एक दिन की अध्यक्षी हाथ से जा चुकी है। बृजभूषण सिंह का हाथ उनके सिर पर होने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ बृजभूषण सिंह के सिर पर होने का दोहरा परिणाम यह हुआ है कि आज वे कुश्ती संघ के स्वघोषित ‘अध्यक्ष’ के रूप में बाबतपुर एयरपोर्ट से बनारस में अपने आवास तक जुलूस निकाल रहे हैं।
एक दिन पहले ही संजय सिंह ने बृजभूषण सिंह से अपनी निकटता या रिश्तेदारी का खंडन करते हुए कहा था कि खेल में राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा था कि वे खेल मंत्री से मिलेंगे, प्रधानमंत्री से मिलेंगे और वहां से बात नहीं बनती है तो कानूनी रास्ता अपनाएंगे।
डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर, 2023 को अध्यक्ष चुने जाने के दिन ही घोषणा की थी कि कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप साल खत्म होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा के नंदिनी नगर में होगी। यह घोषणा जल्दबाजी में उन पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना ही की गई थी जिन्हें उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना है। डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया था।
मंत्रालय के अनुसार, ‘डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के नियम 3 (ई) के मुताबिक, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग) के नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है।’
उल्लेखनीय है कि संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक ने शुक्रवार को एक पत्रकार वार्ता कर कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद पहलवान बजंरग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया था। उनके अलावा हरियाणा के पैरा एथलीट वीरेंद्र यादव ने पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया था।
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