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Lok Sabha Election : मतदान से पहले पूर्वी नागालैंड में ईएनपीओ ने अनिश्चितकालीन बंद कर चुनाव का बहिष्कार किया

जहां लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नागालँड की एकमात्र सीट पर पर मत डाले जाने है, वहीं पूर्वी नागालँड ईएनपीओ ने अलग राज्य की अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है।

कोहिमा। मतदान शुरू होने में मात्र कुछ घंटे शेष हैं। जहां मतदान स्थलों तक मतदान अधिकारी अपनी टीम के साथ पहुँच गए हैं। वहीं नागालैंड की एकमात्र लोकसभा के लिए मतदान शुरू होने से कुछ घंटे पहले ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने राज्य के पूर्वी हिस्से में बृहस्पतिवार मतलब आज शाम छह बजे से अनिश्चितकालीन पूर्ण बंद की घोषणा की।

ईएनपीओ ने अलग राज्य की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के मकसद से यह निर्णय लिया है। उसने लोगों से मतदान में शामिल नहीं होने का भी आह्वान किया है। ईएनपीओ क्षेत्र के छह जिलों में फैले सात आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय है।

चुनाव में हिस्सा नहीं लेने की जानकारी सोमवार को ही चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दे दी थी। जिसमें उन्होंने इस बात का ज़िक्र करते हुए लिखा कि देश के गृह मंत्रालय ने सात दिसंबर 2023 को उन्हें आश्वस्त किया था कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले अलग राज्य की उनकी मांग पूरी कर दी जाएगी।

ईएनपीओ ने साफ लिखा कि यह निर्णय लोकतन्त्र या चुनावी मिशनरी के विरोध में नहीं है बल्कि देश के संविधान तहत लिया गया सैद्धांतिक रूख है। जिसके माध्यम से नागालैंड की अलग राज्य की मांग की तरफ ध्यान आकर्षित करना है।

संगठन ने एक बयान में कहा, ‘बृहस्पतिवार शाम छह बजे से पूर्वी नगालैंड क्षेत्र में अनिश्चितकालीन पूर्ण बंद रहेगा।’ संगठन के मुताबिक स्थिति ‘अनुकूल नहीं’ है।

नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा।

हालांकि, ईएनपीओ ने चुनाव ड्यूटी और आपातकालीन सेवाओं में तैनात सरकारी कर्मचारियों को बंद के दायरे से बाहर रखा है।

संगठन ने सोमवार को कहा था कि वह उन लोगों के हितों की रक्षा करेगा जिन्हें चुनाव में भाग नहीं लेने से प्रतिकूल प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति मतदान करने जाता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो यह संबंधित मतदाता की जिम्मेदारी होगी।

ईएनपीओ ने मतदान का बहिष्कार करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए राज्य सरकार और पूर्वी क्षेत्र के 20 विधायकों की अपील को भी ठुकरा दिया है।

संगठन 2010 से ही अलग राज्य की मांग कर रहा है। इस राज्य में कुल 17 जिले हैं। जिसमें ईएनपीओ का दावा है कि नागालैंड के पूर्वी हिस्से के छह जिलों की वर्षों से उपेक्षा की गई है। जिसमें मोन तुएनसांग, लाँगलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर जिले हैं, जिसे मिलाकर फ़्रंटियर नागा टेरिटरी राज्य बनाए जाने की मांग की जा रही है।

एकमात्र सीट के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में है। जिसमें नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी(एनडीपीपी) से डॉ चुंबेन मुरी हैं, यहाँ एनडीपीपी का भाजपा से गठबंधन है। दूसरे प्रत्याशी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एस सुपोंगमेरेन है। तीसरे निर्दलीय उम्मीदवार हेईथुंग टुंगो लोथा हैं।

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