सितंबर में, किसानों ने चीनी मिल के गेट पर ताला लगा दिया था और अधिकारियों पर बकाया चुकाने का दबाव बनाने के लिए चार दिवसीय धरना दिया था, क्योंकि इसके मालिक किस्तों में बकाया चुकाने के अपने वादे से मुकर गए थे। चंडीगढ़ में बीकेयू (दोआबा) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि फगवाड़ा में मिल पर लंबित गन्ना किसानों की सभी बकाया राशि का 31 मार्च, 2024 तक भुगतान कर दिया जाएगा। मंत्री के अलावा, विशेष मुख्य सचिव (कृषि) केएपी सिन्हा, बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय और बीकेयू (लाखोवाल) के अध्यक्ष हरिंदर सिंह भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि चीनी मिल द्वारा गन्ना बकाया भुगतान में विफलता के चलते किसान संगठन आक्रामक हो गया है, और उन्होंने अब भुगतान होने तक आन्दोलन करने का मन बना लिया है। इसके पहले भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) ने कहा था कि वह चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का लगभग 42 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने के विरोध में दो नवंबर को धरना देगा। PTI के मुताबिक, किसान पिछले तीन साल से लंबित 42 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग कर रहे हैं। भुगतान की मांग को लेकर कई बार मिल प्रबंधन को आवेदन दिया गया, लेकिन फिर भी मिल भुगतान करने में नाकाम रही। भुगतान में देरी से किसान आर्थिक मुसीबत में फँस गये है। बीकेयू (डी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृपाल सिंह मूसेपुर ने कहा कि, ब्याज सहित बकाया का भुगतान किया जाना चाहिए और उसके बाद ही मिल को बिना किसी देरी के शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि पेराई सत्र पहले ही नजदीक आ चुका है। वहीं, महासचिव सतनाम सिंह साहनी ने कहा कि, पिछले महीने, किसानों ने चीनी मिल के गेट पर ताला लगा दिया था और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए चार दिवसीय धरना दिया था, क्योंकि इसके मालिक किश्तों में बकाया भुगतान करने के अपने वादे से मुकर गए थे।
फगवाड़ा, चंडीगढ़ (भाषा)। पंजाब के फगवाड़ा में एक चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का लगभग 42 करोड़ रुपये का बकाया न चुकाने के विरोध में भारती किसान यूनियन (दोआबा) ने धरना दिया। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के साथ बैठक के कुछ घंटों बाद ‘अनिश्चितकालीन’ धरना खत्म कर दिया गया। कृषि मंत्री ने किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को मार्च 2024 तक बकाया राशि का भुगतान करने का आश्वासन दिया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि पिछले तीन साल से राशि बकाया है।