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पूर्व विधायक पवन पांडेय धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार

लखनऊ (भाषा)।  उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को अम्बेडकर नगर जिले के पूर्व विधायक पवन पांडेय को बाराबंकी जिले के रामसनेहीघाट थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने बताया कि पवन पांडेय को अम्बेडकर […]

लखनऊ (भाषा)।  उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को अम्बेडकर नगर जिले के पूर्व विधायक पवन पांडेय को बाराबंकी जिले के रामसनेहीघाट थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश ने बताया कि पवन पांडेय को अम्बेडकर नगर जिला मुख्यालय के अकबरपुर कोतवाली में धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी और साजिश के तहत पिछले वर्ष दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार की रात एसटीएफ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पूर्व विधायक पर धोखाधड़ी व जालसाजी करके करोड़ों रुपये की जमीन अपने सहयोगियों के नाम अनुबंध कराने के लिए साजिश करने का आरोप है।

बयान के अनुसार पूर्व विधायक पांडेय और उनके सहयोगियों पर अम्बेडकर नगर ज़िला मुख्यालय के नासिरपुर बरवा निवासी चम्पा देवी, पत्नी केदारनाथ सिंह ने वहां अकबरपुर कोतवाली में जमीन का धोखाधड़ी और साज़िश के तहत अनुबंध कराने का आरोप लगाया था। बयान के अनुसार इस मामले में पिछले वर्ष प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

बयान के अनुसार मामले के अन्य आरोपी मुकेश तिवारी, गोविंद यादव, लाल बहादुर सिंह, दीप नारायण शर्मा, नीतू सिंह को पूर्व में ही गिरफ्तार करके विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद जेल भेजा गया था।

बयान के अनुसार बाद में इस मामले की आरोपी नीतू सिंह व एक अन्य द्वारा इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ में अलग-अलग तथ्‍यों पर जमानत याचिकाएं दायर की गयी थीं। बयान के अनुसार उच्‍च न्‍यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए 19 मई 2023 को इस मामले की विवेचना एसटीएफ से कराये जाने का आदेश पारित किया। बयान में कहा गया है कि उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के अनुपालन में एसटीएफ मामले की विवेचना कर रही है।

एसटीएफ द्वारा जारी बयान के अनुसार एसटीएफ टीम ने शुक्रवार को पवन पांडेय का अपराध प्रमाणित पाये जाने पर बाराबंकी जिले के राम सनेहीघाट थानाक्षेत्र के भिटरिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ ने बताया कि पांडेय के खिलाफ अंबेडकरनगर, प्रयागराज, लखनऊ और मुंबई समेत कई पुलिस थानों में करीब 90 मामले पंजीकृत हैं। बयान के अनुसार गिरफ्तार आरोपी को एसटीएफ ने अग्रिम विधिक प्रक्रिया पूरी करके जेल भेज दिया। गौरतलब है कि वर्ष 1991 में पवन पाण्डेय शिवसेना के टिकट पर अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।

महराजगंज में दुष्कर्म मामले में दोषी को उम्रकैद

महराजगंज (भाषा)।  जिले की एक विशेष अदालत ने करीब तीन वर्ष पूर्व एक किशोरी का अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) विनय कुमार सिंह ने जिले के फरेंदा थानाक्षेत्र की 15 वर्षीय किशोरी का अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म के मामले में गोरखपुर निवासी मोनू साहनी को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

विशेष लोक अभियोजक विनोद कुमार सिंह ने मामले में दर्जनों गवाह प्रस्तुत किये। अदालत ने साक्ष्यों व सबूतों के आधार पर आरोपी मोनू साहनी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा 15000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया।

पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने बताया कि आरोपी मोनू साहनी के खिलाफ फरेंदा थाने की पुलिस ने 20 जुलाई 2020 को थानाक्षेत्र की एक 15 वर्षीय किशोरी का अपहरण करके दुष्कर्म करने के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि उक्त प्राथमिकी पीड़िता की नानी ने दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इसके बाद विवेचना पूरी करके अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। उन्होंने कहा कि अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आज सजा सुनाई।

गोंडा में रिश्वत लेने का आरोपी ग्राम विकास अधिकारी निलम्बित

गोंडा (भाषा)। जिले में सरकारी आवास दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोपी ग्राम विकास अधिकारी को जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

गोंडा की जिलाधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा ने बताया कि विकासखंड कटरा बाजार निवासी एक व्यक्ति ने जनता दर्शन के दौरान उनसे मिलकर उसके गांव में तैनात तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी अनिल कुमार वर्मा द्वारा सरकारी आवास दिलाने के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत लेने की शिकायत की थी।

नेहा शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक को सौंपते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। डीएम ने कहा कि जांच में शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए। उन्होंने कहा कि परिणाम स्वरूप आरोपी ग्राम विकास अधिकारी अनिल कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश जारी किए गए हैं।

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