Friday, November 22, 2024
Friday, November 22, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमविविधसर्व सेवा संघ पर मनमानी कार्यवाही कर रही है सरकार

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

सर्व सेवा संघ पर मनमानी कार्यवाही कर रही है सरकार

(वाराणसी) सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर से संबंधित भू -अभिलेखों में नाम मालिकान के स्थान पर सर्व सेवा संघ का नाम हटाकर उत्तर रेलवे का नाम अंकित किया गया है। सरकारी अधिकारियों की ओर से कुछ समाचार पत्रों में बयान भी छपे हैं। लेकिन सर्व सेवा संघ के राम धीरज ने सरकार की इस […]

(वाराणसी) सर्व सेवा संघ के राजघाट परिसर से संबंधित भू -अभिलेखों में नाम मालिकान के स्थान पर सर्व सेवा संघ का नाम हटाकर उत्तर रेलवे का नाम अंकित किया गया है। सरकारी अधिकारियों की ओर से कुछ समाचार पत्रों में बयान भी छपे हैं। लेकिन सर्व सेवा संघ के राम धीरज ने सरकार की इस कार्रवाई को गैर कानूनी और मनमानी बताया है।
ज्ञात हो कि 26 जून 2023 को जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने केंद्र सरकार के इशारे पर गैर कानूनी तरीके से सर्व सेवा संघ की जमीन को उत्तर रेलवे की संपत्ति घोषित कर दिया, जो उनके क्षेत्राधिकार का विषय नहीं होकर सिविल न्यायालय का मामला है। इसी अवैध निर्णय को आधार बनाकर एसडीएम जयदेव सीएस ने खतौनी से सर्व सेवा संघ का नाम हटाने का निर्णय दे दिया। यह निर्णय गलत और अवैध है क्योंकि एसडीएम को नाम की वर्तनी में सुधार का अधिकार तो है लेकिन नाम बदल देने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार सिर्फ सिविल कोर्ट को है और सिविल कोर्ट में सर्व सेवा संघ का वाद संख्या 522 / 2023 विचाराधीन है।

यह अत्यंत अफसोस की बात है कि प्रशासन न केवल लगातार अवैध कार्यवाइयां करता जा रहा है बल्कि इसे छुपाने के लिए झूठ का सहारा भी ले रहा है। रेलवे एवं प्रशासनिक अधिकारी बता रहे हैं कि उत्तर रेलवे और सर्व सेवा संघ में उक्त भूखंड को लेकर बरसों से विवाद चल रहा था जबकि यह पूरी तरह से छूट और बेबुनियाद है। विगत 62 वर्षों में पहली बार केंद्र सरकार के इशारे पर रेलवे की ओर से 10 अप्रैल 2023 को उप जिलाधिकारी, सदर, वाराणसी के यहां एक आवेदन दिया गया कि सर्व सेवा संघ द्वारा खरीदी गई जमीन का 1960,1961और 1970 का बैनामा कूटरचित है। यह आरोप भी अत्यंत हास्यास्पद और धूर्ततापूर्ण है। इसी आवेदन को आधार बनाकर जयदेव सीएस ने उत्तर रेलवे का नाम दर्ज करने का आदेश दे दिया ।

सर्व सेवा संघ के रामधीरज। 

यहां यह बता देना भी आवश्यक है कि जयदेव सीएस के आदेश को कमिश्नरी कोर्ट में चुनौती दी गई है। बिना सुनवाई पूर्ण हुए नामांतरण की कार्रवाई करना अनुचित और अवैध है

सर्व सेवा संघ के रामधीरज ने बताया कि इस पूरे मामले को इतिहास में प्रशासनिक षड्यंत्र के रूप में जाना जाएगा। आज ये अधिकारी मनमाने और अवैध कृत्य करने में लगे हैं लेकिन समय इनका हिसाब किताब करेगा।

रामधीरज ने बताया कि सेवा संघ की इस ऐतिहासिक विरासत और जमीन को केंद्र सरकार किसी व्यावसायिक कंपनी को देना चाहती है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए टेंडर देने की भी तैयारी चल रही है और इस व्यापारिक प्रतिष्ठान के भवन का शिलान्यास भी माननीय प्रधानमंत्री के कर कमलो से सितंबर में होना बताया जा रहा है।
गांधी विनोबा जेपी विरासत बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राम धीरज ने कहा कि किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री को ऐतिहासिक विरासत को गिरा कर इस व्यावसायिक प्रतिष्ठान का शिलान्यास नहीं करने दिया जाएगा। न्यायालय का फैसला जो भी आएगा, वह हमें मान्य होगा। सरकारी अधिकारियों और सरकार का फैसला, हमें स्वीकार नहीं है। सर्व सेवा संघ देश भर में सरकार के इस तुगलकी कार्रवाई का शांतिपूर्ण विरोध हो रहा है लेकिन शीघ्र ही हम सीधी कार्रवाई की घोषणा करेंगे।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here