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ग्राउंड रिपोर्ट

स्वास्थ्य व्यवस्था को नंगा करता जा रहा हीट स्ट्रोक, देवरिया में 24 घंटे में 52 की मौत

पूर्वांचल में लू (हीट स्ट्रोक) से बीमार होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफ़ा हो रहा है। देवरिया में पिछले 24 घंटे में 52 लोगों की मौत लू लगने से हो चुकी है। इससे पहले पड़ोसी जिला बलिया में शनिवार को 36 लोगों की लू से मौत हुयी थी।

देवरिया। पूर्वांचल में लू (हीट स्ट्रोक) से बीमार होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफ़ा हो रहा है। देवरिया में पिछले 24 घंटे में 52 लोगों की मौत लू लगने से हो चुकी है। इससे पहले पड़ोसी जिला बलिया में शनिवार को 36 लोगों की लू से मौत हुयी थी। बलिया में रविवार को भी तीन लोगों की लू से मौत हो गयी। बलिया जिला अस्पताल में पिछले 9 दिनों में कुल 124 लोगों की लू लगने से मौत हुयी है। वाराणसी में लू से 7 मौतें हुयी हैं। वहीं प्रतापगढ़ जिले में राजा प्रताप बहादुर मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन दिनों में 18 लोगों की लू से मौत हुयी है। पूर्वांचल से सटे बिहार राज्य में भी पिछले दो दिन में लू से 40 लोगों की मौत दर्ज़ की गयी है।

जैसे-जैसे लू का कहर पूर्वांचल के तमाम जिलों को अपनी ज़द में लेता जा रहा है, वैसे-वैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था एक्सपोज होती जा रही है। पूर्वांचल के जिला अस्पतालों में लू और डायरिया के मरीजों को बचाने भर का सामर्थ्य नहीं है। अभी दो साल पहले ही कोरोना महामारी तबाही मचाकर गुज़री है। महामारी के बाद तो सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जानी चाहिए थी, पर आलम यह है कि जिला अस्पतालों में पर्याप्त बेड तक नहीं है, मरीज़ों को फर्श पर लेटना पड़ रहा है।

भलुअनी थाना क्षेत्र में करौंदी गांव निवासी आनंद मिश्र की माँ बादामी देवी की रविवार को लू लगने से मौत हो गयी। घंटों इंतज़ार के बाद भी जब उनको अपनी माँ की लाश ले जाने के लिए सरकारी वाहन नहीं मिला तो मजबूरन उन्हें ऑटो रिक्शा में ले जाना पड़ा। शव वाहन ड्राइवर जीतेंद्र ने बताया है कि एक दिन में वो 25-30 लाशें ढो चुका है। गर्मीं से इतनी ज़्यादा मौतें हो रही हैं कि फुर्सत ही नहीं मिल रही है।

स्वास्थ्य महकमा बचाव में उतरा

देवरिया मेडिकल कॉलेज में पिछले 24 घंटे में (शनिवार शाम पांच बजे से रविवार शाम पांच बजे तक) 34 मरीजों को मृत अवस्था में लाया गया था। जबकि 18 मरीजों ने अस्पताल में दम तोड़ा। लू से मरने वालों में एक भाजपा नेता का इकलौटा बेटा भी शामिल है।

देवरिया के स्वास्थ्य महकमे ने दलील दिया है कि मरीजों में अधिकतर बुजुर्ग लोग हैं। इसी वजह से अधिक लोगों की मौत हो रही है। इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया है कि अधिकतर मरीजों को तेज बुखार, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ़, खांसी, बदन में अकड़न, पेट दर्द, कमजोरी, घबड़ाहट और बेचैनी जैसी दिक्कतें हैं। सीएमओ डॉ. राजेश कुमार झा ने कहा है कि सभी व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी में दवा एवं ओआरएस घोल सहित अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करवाए गए हैं।

देवरिया में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था

देवरिया में लू के बढ़ते मरीजों के चलते पूरी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। संसाधन कम पड़ रहे हैं। आलम यह है कि बेड के इंतजार में मरीज़ फर्श पर लेटे हुए हैं। तीमारदारों को अपने मरीजों को गोद में उठाकर डॉक्टर के पास तक पहुँचाना पड़ रहा है।

प्रतापगढ़ में राजा प्रताप बहादुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन और चिल्ड्रेन वॉर्ड रोगियों से भरे हुए हैं। प्रतापगढ़ के डॉक्टरों की दलील है कि गर्मी बढ़ने के कारण पंखों से भी गर्म हवा निकल रही है। दीवारें भी तप रही हैं। इस कारण भी लोगों को लू लग जा रही है।

बलिया जिला अस्पताल में हुई मौतों की जांच,बिहार में रेड एलर्ट

कल पारा 42-44 डिग्री सेल्सिय बना रहा। लोगों की देह से पसीना टप-टप चूता रहा। इस दौरान तमाम जिलों में पूरे दिन बिजली ग़ायब रही। मौसम विभाग ने पूरे बिहार में अलर्ट ज़ारी किया है। 6 जिलों के लिए रेड अलर्ट ज़ारी किया गया है।

बलिया जिला अस्पताल में 15 जून से अब तक 480 से अधिक मरीज भर्ती हुए हैं। 20 मरीजों को वाराणसी और मऊ जिले में रेफर किया गया है। वहीं, बलिया जिला अस्पताल में हुई 124 मौतों की जांच करने के लिए लखनऊ से तीन सदस्यीय जांच टीम बलिया पहुंची है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक बयान में कहा है कि बलिया मामले में जांच दल की रिपोर्ट का इंतज़ार है। मौत के कारण का पता लगाना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग में निदेशक (उपचार) संचारी रोग डॉक्टर एके सिंह और निदेशक उपचार डॉक्टर केएन तिवारी मौके पर हैं। विशेषज्ञ सभी पहलुओं पर पड़ताल कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर जो भी जिम्मेदार होगा, उसके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लू के बढ़े आसार 

प्रदेश में 18 जून यानी रविवार का दिन सबसे गर्म रहा। इस दिन अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज़ किया गया।

19 जून यानी सोमवार को पूर्वांचल के कुशीनगर, गोरखपुर, संत कबीरनगर, अंबेडकर नगर, मीरजापुर, आजमगढ़, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, ग़ाज़ीपुर, मऊ, बलिया और देवरिया में लू की चेतावनी ज़ारी की गई है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी मो. दानिश के मुताबिक़ आज यानी सोमवार को सर्वाधिक तापमान बांदा और प्रयागराज में 43.8 डिग्री सेल्सियस रहेगा।

लू (हीट स्ट्रोक) के लक्षण और बचाव

तेज धूप लगने पर शरीर में पानी की कमी (हीट एक्जर्शन) महसूस होने लगती है। इसके चलते पीड़ित को बहुत प्यास लगती है और सिर दर्द शुरु हो जाता है। इसके अलावा, उल्टी, चक्कर आना, बुखार और पसीना अधिक आना इसके लक्षण है। कई बार लोग अधिक गर्मी से बेहोश भी हो जाते हैं। जिसे हीट सिंकोप कहा जाता है। लगातार अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर से पसीना आना लगभग बंद हो जाता है। यह ख़तरे की घंटी है। यदि पसीना आना बंद हो जाए तो समझ लें कि यह हीट स्ट्रोक (लू) के लक्षण हैं। इससे किडनी-लीवर जैसे अंग डैमेज हो सकते हैं। यही जानलेवा साबित होता है।

निर्माण मज़दूरों पर आफ़त

अमूमन गर्मियों में ही निर्माण कार्य ख़ूब होता है। लोगों का यह मानना होता है कि गर्मियों में दिन बड़े होते हैं तो काम ज्यादा होता है, इसलिए गर्मियों में निर्माण कार्य ज़्यादा होता है। निर्माण कार्य में लगे मज़दूरों का सारा दिन निचाट धूप में रहना पड़ता है। अक्सर ये निर्माण मज़दूर कुछ-कुछ अंतराल पर गांजा-चिलम लगाकर काम करते हैं, ताकि धूप और गर्मी का एहसास न हो। नशे में उस समय तो एहसास नहीं होता, बाद में यही जानलेवा साबित होता है।

 

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