लखनऊ। नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे शिक्षा अनुदेशक के पद पर नौकरी कर रहे अनुदेशकों के समर्थन में रमन मैग्सेसे पुरुस्कृत डॉ संदीप पाण्डेय और युवा शक्ति संगठन प्रतिनिधिमंडल ने धरना स्थल पर पहुँच कर अपना समर्थन जताया।
इस धरने में शामिल हुए युवा शक्ति संगठन के संयोजक गौरव सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ‘उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च प्राथमिक शिक्षा विभाग में पिछले 10 वर्षों से शिक्षा अनुदेशक के पद पर नौकरी कर रहे अनुदेशकों का वर्तमान मानदेय मात्र 9 हजार रुपए होना यह दर्शाता है कि अनुदेशकों के साथ किस तरह का शोषण और अन्याय नौकरी के नाम पर किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि ‘शोषण का विरोध और सम्मानजनक वेतन की मांग को लेकर अनुदेशक संघ द्वारा आज आयोजित ईको गार्डन में धरने का सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आनेवाले लोकसभा चुनाव में अपनी वोट की शक्ति का प्रयोग अनुदेशक नोटा के रूप में करें।’
इस धरने का नेतृत्व कर रहे अनुदेशक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह का कहना है कि ‘अनुदेशकों की लम्बे समय से मांग है कि उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाए तथा नियमतीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक 17 हजार मानदेय निर्धारित किया जाए, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ बेंच ने मानदेय 17 हजार मासिक करने का आदेश भी दिया था जिसके खिलाफ सरकार इलहाबाद उच्च न्यायालय डबल बेंच में चली गई।’
संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि हम अनुदेशक ,ग्राम पहरी,शिक्षा मित्र जैसे अन्य विभागों में सृजित संविदा,आउटसोर्सिंग आधारित पदों को सरकार से तत्काल समाप्त करने की मांग करते हैं ।सरकार के समस्त विभागों में स्थाई नियुक्ति दी जाए तथा उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत शिक्षा, चिकित्सा ,पुलिस,ऊर्जा व अन्य विभागों में रिक्त अनुमानित 6 लाख पदों को तत्काल भरने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से करते हैं ।
आज इस धरने में युवा शक्ति संगठन प्रतिनिधिमंडल से संगठन के संयोजक गौरव सिंह, अधिवक्ता नवीन अग्रहरि,सूरज गुप्ता,प्रिंस सिंह शामिल हुए और अनुदेशकों के हित में सरकार से तत्काल उचित मानदेय 17 हजार रुपए शिक्षा अनुदेशकों के लिए घोषित करने की मांग की।