कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने भाजपा से किरोड़ी मीणा को मुख्यमंत्री बनाने का किया आग्रह
जयपुर(भाषा)। राजस्थान में मुख्यमंत्री के चयन पर संशय बने रहने के बीच कांग्रेस विधायक और राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के अध्यक्ष रामकेश मीणा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आलाकमान को पत्र लिखकर राज्य में आदिवासी नेता किरोड़ी लाल मीणा को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त करने का आग्रह किया है। किरोड़ी लाल मीणा सवाई माधोपुर से भाजपा के विधायक हैं।
रामकेश मीणा ने कहा कि आदिवासी मीणा सेवा संघ के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा को पत्र लिखा है।
गंगापुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने कहा, ‘मैंने नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समुदाय की भावनाओं से अवगत कराया है कि किरोड़ी मीणा को मुख्यमंत्री का पद मिलना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘किरोड़ी मीणा ने बहुत संघर्ष किया है और कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है।’
पिछले रविवार को घोषित हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा की जीत हुई थी। उसे 199 में से 115 सीटें हासिल हुई हैं, लेकिन पार्टी अब तक मुख्यमंत्री को लेकर फैसला नहीं कर पाई है।
पार्टी ने भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। विधायक दल की बैठक की तारीख की घोषणा अभी होना बाकी है।राज्य की 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को चुनाव हुए और 3 दिसंबर को मतों की गिनती के बाद परिणाम आ गए थे।
परिणाम आने के बाद हफ्ते भर से ज्यादा का समय बीत चुका है पर राजस्थान में पार्टी अब तक अपने विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पार्टी ने राजस्थान का पर्यवेक्षक बनाया है। जानकारी के मुताबिक आज विधायक दल की बैठक हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया और बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री की रेस से बाहर माना जा रहा है। दिया कुमारी, अश्वनी वैष्णव और गजेन्द्र सिंह शेखावत अभी भी मुख्यमंत्री पद की रेस में बने हुये हैं। फिलहाल अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
सीएम के तमाम नामों के बीच वसुंधरा राजे को सबसे बड़ा नाम माना जा रहा था। राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे पार्टी का बड़ा चेहरा हैं। वसुंधरा ने 5 साल तक केंद्रीय नेतृत्व से दूरी बनाए रखने के बाद अब मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बनाना शुरू किया है, जो कहीं न कहीं केंद्रीय नेतृत्व को रास नहीं आ रहा है।
इस बीच केंद्रीय आलाकमान ने 7 दिसंबर यानी गुरुवार को वसुंधरा को दिल्ली बुलाया था। दिल्ली में उनकी मुलाकात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई। इन दोनों के बीच करीब 80 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे ने राजस्थान लौटने के बाद मीडिया को दिल्ली बैठक के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। इससे अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।