राजस्थान एक खास तरह की जलवायु वाला प्रदेश है। जो आज पानी की किल्लत झेल रहा है, कुएं-तालाब सूखे पड़े है। भूगर्भ जलस्तर नीचे चला गया। मवेशी पानी की कमी से मर रहे है । महिलाओ को हर परिस्थिति में रोज़मर्रा के काम के लिए दूर से पानी लाना पड़ता है।
घड़सीसर गांव में लड़कियों के लिए खेल का मैदान न होने से प्रैक्टिस के लिए उन्हें गांव के स्कूल के मैदान में जाना पड़ता है जहां न सिर्फ लड़कों का कब्जा रहता है बल्कि गर्मियों में हमेंशा ताला लगा रहता है। ऐसे में उनको भारी दिक्कतों का सामना तो करना पड़ ही रहा है साथ ही खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की सोच रखने वाली लड़कियों के लिए अवसर भी खत्म हो रहा है।
देश के बड़े हिस्से में रविवार को भीषण गर्मी का कहर देखने को मिला और 37 शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के चलते ही महाराष्ट्र के अकोला में प्रशासन ने सार्वजनिक समारोहों पर लगाई रोक लगा दी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले दो-तीन दिनों में राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
कहीं भी सड़क बनाने से पहले कुछ मानकों का पालन करना चाहिए। लेकिन राजस्थान के उदयपुर शहर के मनोहरपुरा गाँव में कई बातों को नजरंदाज कर दिया गया।जैसे सड़क के किनारे नाली न होने के बावजूद सड़कें बना दी गईं। इसका परिणाम यह हुआ कि नालों का पानी सडकों पर बजबजा रहा है और लोगों को आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद बालिका शिक्षा की मुहीम को राजस्थान के अलवर जिले के शादीपुर गाँव में झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है, जहाँ लड़कियों की पढाई के लिए 12वीं तक का स्कूल ही नहीं है।
गैर सरकारी संस्था उरमूल द्वारा उपलब्ध कराये गये काम की बदौलत राजस्थान के लूणकरणसर इलाके की ग्रामीण महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि परिवार की आर्थिक तंगी को भी दूर कर रही हैं।
एक तरफ भाजपा 400 पार का नारा दे रही है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में पार्टी पहले चरण की आधे से अधिक सीटों पर फंसती नजर आ रही है। हाल की घटनाएं बताती हैं कि भाजपा के लिए राजस्थान में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है।
राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना की शुरूआत राज्य के लोगों को रोजगार देने के लिए की गई है, लेकिन यह तभी अपने मकसद को प्राप्त करेगी, जब इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार दूर होगा।
राजस्थान में आज भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बच्चे शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से दूर हैं। राज्य में शिक्षा का अधिकार कानून उनके नजरिए से हाथी का दांत साबित होता प्रतीत हो रहा है ।
राजस्थान के कालू गाँव के लोग रोजगार न मिलाने से परेशान तो हैं ही रोजगार की तलाश में वे गाँव से पलायन भी कर रहे हैं । ग्रामीणों को रोज़गार के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़े तो सरकार को अपनी बनाई नीतियों की फिर से समीक्षा करने की ज़रूरत है।
कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने भाजपा से किरोड़ी मीणा को मुख्यमंत्री बनाने का किया आग्रह
जयपुर(भाषा)। राजस्थान में मुख्यमंत्री के चयन पर संशय बने रहने...