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किशोरियों को दी गई संकट काल में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग 

बच्चों को सुरक्षित रखने और यौन शोषण से सतर्क रहने के लिए जरूरी बातों का ज्ञान कराने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट और महिला सुरक्षा पर कार्य कर रही संस्था रेड ब्रिगेड ट्रस्ट ने सरकारी स्कूलों में सप्ताह व्यापी कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान राजवारी संकुल के 9 विद्यालयों में कक्षा 1 […]

बच्चों को सुरक्षित रखने और यौन शोषण से सतर्क रहने के लिए जरूरी बातों का ज्ञान कराने के उद्देश्य से सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट और महिला सुरक्षा पर कार्य कर रही संस्था रेड ब्रिगेड ट्रस्ट ने सरकारी स्कूलों में सप्ताह व्यापी कार्यशाला का आयोजन किया। इस दौरान राजवारी संकुल के 9 विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए गुड टच-बैड टच (अच्छा स्पर्श-बुरा स्पर्श) और कक्षा 6 से 8 की बालिकाओं के लिए संकटकाल में आत्मरक्षा के टिप्स बताए गए। इस दौरान लघु फिल्म, कार्टून, खेल, गीत, पोस्टर आदि के माध्यम से बच्चों मुसीबत के समय चाइल्ड लाइन से सम्पर्क करने के बारे में सचेत किया गया।

कार्यक्रम के दौरान

संविलियन विद्यालय कैथी में औपचारिक शुभारम्भ करते हुए रेड ब्रिगेड के संयोजक अजय पटेल ने बताया कि दुनिया में यौन शोषण के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे भारत में पाए जाते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 में बच्चो के खिलाफ अपराध के 149404 मामले दर्ज किए गए, इनमें से 53874 मामले पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं यह सिर्फ दर्ज आंकड़े हैं जबकि सभी को मालूम है कि देश में अधिकांश मामले परिवार द्वारा दर्ज नहीं कराये जाते हैं।

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने बताया कि यौन दुर्व्यवहार केवल लड़कियों का ही नहीं होता वरन लड़के भी इसके शिकार हो जाते हैं और धीरे-धीरे मानसिक रूप से बीमार होते रहते हैं जो बड़े होने पर किसी भी यौन हिंसा के समय वे चुप रहना बेहतर समझते हैं और आसानी से यौन हिंसा की शिकार होते रहते हैं। कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य प्रशिक्षिका सुष्मिता भारती सहित रमेश प्रसाद, दीन दयाल सिंह, प्रदीप सिंह, सूरज आदि की प्रमुख भूमिका रही।

गाँव के लोग
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