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बीमार पत्नी से मिलने तिहाड़ जेल से अपने घर पहुंचे सिसोदिया

नई दिल्ली(भाषा)। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अदालत से अनुमति मिलने के बाद अपनी बीमार पत्नी से मिलने तिहाड़ जेल से घर पहुंचे। कथित शराब घोटाला मामले में सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक छह घंटे के लिए अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत […]

नई दिल्ली(भाषा)। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अदालत से अनुमति मिलने के बाद अपनी बीमार पत्नी से मिलने तिहाड़ जेल से घर पहुंचे। कथित शराब घोटाला मामले में सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्हें सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक छह घंटे के लिए अपनी पत्नी से मिलने की इजाजत दी गई है। सिसोदिया पुलिस वाहन से मथुरा रोड स्थित अपने आवास पर सुबह करीब दस बजे पहुंचे। उनके साथ पुलिसकर्मी भी हैं।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जून में भी सिसोदिया को अपनी पत्नी सीमा से मिलने की अनुमति दी थी, लेकिन वह उनसे मुलाकात नहीं कर सके थे, क्योंकि सीमा की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिसोदिया की पत्नी ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ से पीड़ित हैं। अदालत ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने की इजाजत देते हुए उन्हें मीडिया से बात न करने या किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल न होने का आदेश दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सिसोदिया को फरवरी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले, वह अरविंद केजरीवाल सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। उनके पास कई अन्य विभाग भी थे। हाल में उच्चतम न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

दिल्ली के वेलकम इलाके में घर पर पटाखे बनाते समय विस्फोट में व्यक्ति की मौत

 पूर्वोत्तर दिल्ली के वेलकम इलाके में पटाखे बनाने के लिए सल्फर और पोटाश मिलाने के दौरान हुए विस्फोट में 21 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि विस्फोट शुक्रवार दोपहर को उस समय हुआ, जब पीड़ित हिमांशु अपने घर पर दो रसायन मिलाकर पटाखों का पाउडर बना रहा था।

पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की ने कहा कि एक घर में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना शुक्रवार दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर मिली थी। उन्होंने बताया कि हिमांशु को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रात करीब साढ़े आठ बजे उसने दम तोड़ दिया। टिर्की ने कहा कि अपराध इकाई और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के दलों ने सबूत एकत्र करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया।

नौकरी के बदले जमीन ‘घोटाला’ : ईडी ने लालू परिवार के ‘सहयोगी’ को गिरफ्तार किया

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले की धन शोधन जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के सहयोगी बताए जा रहे अमित कात्याल को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि कात्याल को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने की संभावना है, जहां ईडी पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी। सूत्रों के मुताबिक, कात्याल करीब दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहा था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल में इस मामले में उसके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने के अनुरोध वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे थे, तब कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी।

जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल राजद सुप्रीमो का ‘करीबी सहयोगी’ होने के साथ-साथ ‘ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ का पूर्व निदेशक भी है। एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक ‘लाभार्थी कंपनी’ है और इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव कर रहे थे। कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है।

सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। जांच एजेंसी का आरोप है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी।

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