स्त्री
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शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ रहीं हैं गाँव की लड़कियाँ
मुजफ्फरपुर (बिहार)। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा अर्जित करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है। यह स्त्री एवं पुरुषों दोनों के लिए समान...
बहू और बेटी में भेदभाव करता समाज
भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है, जहाँ रीति-रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल...
नहीं रुक रहा है किशोरियों के साथ भेदभाव, आज भी समझा जाता है बोझ
भारत में हर बच्चे का अधिकार है कि उसे, उसकी क्षमता के विकास का पूरा मौका मिले। लेकिन...
ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण का माध्यम बना इंटरनेट
कहा जाता है कि महिला सशक्तीकरण एक ऐसी अनिवार्यता है, जिसकी अवहेलना किसी भी समाज और देश के...
लैंगिक असमानता का शिकार होती पर्वतीय महिलाएं
'लड़की हो दायरे में रहो...' यह वाक्य अक्सर घरों में सुनने को मिलता है, जो लैंगिक असमानता का...
घोर स्त्री विरोधी और रूढ़िवादी परम्पराओं का समर्थक प्रकाशन है गीता प्रेस
'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’ से लेकर 'नारी तुम केवल श्रद्धा हो....' तक भारतीय संस्कृति और साहित्य में ढोल-नगाड़ों के साथ काफी 'लाउड’...
महिला सुरक्षा, सशक्तीकरण का संदेश लेकर साइकिलिस्ट आशा पहुँचीं उत्तर प्रदेश
लखनऊ। देश में बढ़ते महिला उत्पीड़न की घटनाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों से आहत मध्य प्रदेश की साइकिलिस्ट आशा मालवीय...
कन्या जन्म पर माँओं को दुःखी होने पर विवश करती पितृसत्ता
अक्सर कहा जाता है कि बेटी पैदा होती है तो माँयें चिंतित हो जाती हैं। हम यह कभी नहीं सोचते कि बेटी या ट्रांसजेंडर...
सामाजिक सरोकार के झंझावात में उलझीं विधवा स्त्रियाँ
पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था में औरत का अस्तित्व उसके पति के कारण है। उसका मान-सम्मान, इज्जत, सजना-संवरना, समाज में उसकी हैसियत सभी कुछ पति से...
सरकारी योजनाओं के बावजूद आर्थिक कठिनाइयों का सामना करतीं विधवाएं
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (23 जून) पर विशेष
जालोर (राजस्थान)। आज़ादी के सात दशकों बाद भी देश में कुछ जातियां, समुदाय और वर्ग ऐसे हैं, जो...
जिनके लिए नाच-गान कला थी और देश की आज़ादी एक सपना था
हम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को तो अक्सर याद करते हैं, पर देश की तवायफों ने आजादी की लड़ाई में जो योगदान दिया, उसकी चर्चा...