Saturday, July 27, 2024
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महिला सुरक्षा, सशक्तीकरण का संदेश लेकर साइकिलिस्ट आशा पहुँचीं उत्तर प्रदेश

लखनऊ। देश में बढ़ते महिला उत्पीड़न की घटनाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों से आहत मध्य प्रदेश की साइकिलिस्ट आशा मालवीय देश के एक छोर से दूसरे छोर को साइकिल से नापते हुए किशोरियों-महिलाओं को जागरूक करने निकली हैं। 25 हजार किलोमीटर यात्रा का लक्ष्य रखकर अब तक 22 राज्यों का भ्रमण […]

लखनऊ। देश में बढ़ते महिला उत्पीड़न की घटनाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों से आहत मध्य प्रदेश की साइकिलिस्ट आशा मालवीय देश के एक छोर से दूसरे छोर को साइकिल से नापते हुए किशोरियों-महिलाओं को जागरूक करने निकली हैं।

25 हजार किलोमीटर यात्रा का लक्ष्य रखकर अब तक 22 राज्यों का भ्रमण कर चुकीं साइकिलिस्ट आशा 23वें राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी हैं। रविवार को लखनऊ पहुँचीं साइकिलिस्ट आशा मालवीय ने यहां कई अधिकारियों सहित समाज हित के क्षेत्र में सक्रिय लोगों से भी मुलाकात की। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने अपने कैम्प कार्यालय कक्ष में मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ग्राम नाटाराम निवासी साइक्लिस्ट आशा मालवीय से मुलाकात करते हुए बेहद खुशी व्यक्त की। साथ ही आशा मालवीय के इस सफर की खुले दिल से सराहना करते हुए महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण को लेकर प्रारंभ किए गए साइकिल यात्रा को हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

एक स्कूल में महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ आशा मालवीय

साइकिलिस्ट आशा मालवीय पिछले वर्ष मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर, 2022 को भोपाल से महिला सुरक्षा व सशक्तीकरण के प्रति जन-जन को जागरूक करने के लिए अकेले 25,000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकली हैं। वह एक राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी व पर्वतारोही भी हैं। यह अत्यन्त सराहनीय है कि वह अभी तक 22 राज्यों में 19,000 किमी से ज्यादा दूरी की साइकिल यात्रा कर चुकी हैं। इन दिनों उत्तर प्रदेश की यात्रा पर निकली साइकिलिस्ट आशा मालवीय बताती हैं कि ‘अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने अब तक तमाम राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और मुख्य सचिवों से मुलाकात की है।’ उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि बदलते दौर का यह भारत महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है। आशा मालवीय जैसी महिलाएं नारी सशक्तीकरण का जीवंत उदाहरण भी हैं और अन्य के लिए प्रेरणा स्रोत से कम भी नहीं हैं। आशा मालवीय ने बताती हैं कि ‘वह रात के वक्त भी साइकिलिंग करती हैं, जो यह दिखाता है कि कैसे हमारे देश में महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन आ रहा है। वह रात के वक्त भी अकेले चलने में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं।

15 अगस्त, 2023 को दिल्ली में करेंगी समापन

आशा मालवीय बताती हैं कि ‘वह 15 अगस्त, 2023 को दिल्ली में अपने इस साइकिल यात्रा का समापन करेंगी। इस मौके पर वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलकर महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ देश में होने वाले महिला अपराध की घटनाओं की रोकथाम खासकर बालिकाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म जैसी असहनीय पीड़ादायक घटनाओं में कड़े कानून के जरिए सजा देने का प्रावधान लागू करने के संदर्भ में भी अपना पक्ष रखेंगे, ताकि बेटियां सुरक्षित रह सकें।’

आशा मालवीय

महिलाओं और बच्चियों से आशा ने की मुलाकात, सुरक्षा के दिए टिप्स

नवाबों के शहर तथा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचने पर आशा मालवीय काफी प्रसन्न नजर दिखीं। अपनी साइकिल यात्रा के लखनऊ प्रवास पर वह महिलाओं और बच्चियों से न केवल रूबरू हुईं, बल्कि महिला सुरक्षा के संदर्भ में उन्हें कई टिप्स भी सुझाए। कहा कि महिलाओं एवं बच्चियों को किसी भी विषम परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि डटकर उसका मुकाबला करना चाहिए। इस मौके पर लखनऊ की मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने आशा मालवीय के बुलंद हौसले और जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि ‘इस अभियान के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा मालवीय ने अपनी यात्रा के मकसद पर खुलकर वार्तालाप करते हुए कहा कि आज के दौर में भी महिलाएं और बेटियां ‘बेचारी’ बनकर चूल्हे-चौके तक सिमटकर, घर के किवाड़ के पीछे तक ही रह जा रही हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है। एक शिक्षित और संस्कारित महिला पूरे परिवार को अपने जैसा बना सकती है, तो फिर उन्हें चारदीवारी के बीच कैद क्यों कर दिया जाता है? आशा ने राष्ट्रपति से लेकर कई महिलाओं, जो देश के लिए रोल मॉडल हैं, उनके नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘वह बिंदास जिए और बिंदास आगे बढ़े। समाज के लिए कुछ करें, अपने घर-परिवार के लिए कुछ करें।’

संतोष देव गिरी स्वतंत्र पत्रकार हैं।

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