किसान आंदोलन ने मोदी-शाह की जोड़ी को झुका कर यह उम्मीद फिर जिंदा कर दी हैं कि जनता लड़ेगी, जनता जीतेगी। किसानों के आंदोलन वैश्विक वित्तीय पूंजी और कारपोरेट घरानों के पुरजोर समर्थन के साथ लाए गए कृषि काले कानूनों को रद्द कराने सहित कई किसानों के मांगे पर सरकार को झुकने पर मोदी-शाह की जोड़ी को विवश किया।
इस पूरे प्रकरण में केंद्र में राजू भाई सरदार नाम के जो शख्स हैं, उनका एक और अहम परिचय यह है कि वे लखपत में उदासी पंथ के ऐतिहासिक गुरुद्वारे के अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वे प्रधानमंत्री के अल्पसंख्यक 15 सूत्री कार्यक्रम के सदस्य हैं और सिख बहुल नरा गांव के सरपंच रह चुके हैं। उनके बाकी परिचय उन्हीं के नाम की निजी वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं। इनमें सबसे गैर-ज़रूरी परिचय यह है कि वे लखपत के दयापर स्थित सरदार होटल और दीप्स रेस्त्रां के मालिक हैं।