Thursday, November 21, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

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क्या महत्वपूर्ण मुद्दों पर बैठकें दिशाहीन हो चुकी हैं

पूर्वांचल में किसानों की समस्याएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं से कहीं ज्यादा हैं लेकिन उनका कोई मुकम्मल संगठन नहीं होने की वजह से उनका गुस्सा और उनकी तकलीफें उनके और उनके परिवार तक सीमित हो गई हैं। पूर्वांचल में किसान संगठनों के नाम पर राजनीतिक पार्टियों के आनुषांगिक संगठन ही केवल काम कर रहे हैं, इसलिए किसानों का झुकाव भी इन संगठनों के प्रति अपनापन का नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा की पूर्वांचल इकाई की संरचना भी कुछ ऐसी ही दिखाई दे रही है। शायद इस वजह से पूर्वांचल में कोई बड़ा किसान आंदोलन खड़ा नहीं हो पा रहा है। 

राज्य पोषित हिंसा का सबसे खतरानाक नमूना है लखीमपुर खीरी की घटना

लखीमपुर खीरी की घटना एक चेतावनी है- हमारे लोकतंत्र का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। अजय कुमार मिश्र जिनके हिंसा भड़काने वाले बयान एवं गतिविधियां...

सियासत और समाज  ( डायरी 6 अक्टूबर, 2021)  

सियासत यानी राजनीति की कोई एक परिभाषा नहीं हो सकती है। साथ ही यह कि सत्ता पाने का मतलब केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनना...

कॉर्पोरेट मीडिया और आई टी सेल द्वारा दिमागों भरी जा रही नफरत का नतीजा

असम के सिपहझार में हाल ही में हुई घटना, हम सब ऐसे लोगों के लिए आंखें खोलने वाली है जो मानवता और बंधुत्व के...

क्या सभी कट्टरपंथी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होते हैं?

क्या तालिबान की तुलना आरएसएस से हो सकती है? अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापिसी ने उनके पिछले शासनकाल की यादें ताजा कर दी...

जो बाजी ओहि बाची डायरी (28 अगस्त, 2021) 

कोई भी बदलाव एकवचन में नहीं होता। जब कुछ बदलता है तो उसके साथ बहुत कुछ बदल जाते हैं। ऐसा कभी नहीं होता कि...

ओबीसी होकर भी कल्याण सिंह ने ओबीसी के लिए क्या किया?

संघ ने सबसे पहले स्वयंसेवकों और प्रचारकों का एक विशाल नेटवर्क खड़ा किया जो जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव को औचित्यपूर्ण, धर्मसम्मत और देश की प्रगति की आवश्यक शर्त सिद्ध करने के अभियान में जुट गया। हो सकता है कि भारत के अतीत में बहुत कुछ बहुत अच्छा रहा हो परंतु यह निश्चित है कि उस समय दलितों और महिलाओं की स्थिति कतई अच्छी नहीं थी। जो लेखक भारत के अतीत का महिमामंडन करते हैं वे दलितों और महिलाओं की स्थिति के बारे में चुप्पी साध लेते हैं।

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