रघु मीडियामी की वकील शालिनी गेरा का कहना है कि बस्तर के जन आंदोलनों को कुचलने के लिए ही रघु की फर्जी केस में गिरफ्तारी की गई है, क्योंकि जिन प्रतिबंधित 2000 रूपये के नोटों को रखने और प्रतिबंधित माओवादी संगठनों को धन वितरित करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है, संबंधित एफआईआर में भी उसका कोई जिक्र नहीं है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी सरजू टेकाम और सुनीता पोटाई नामक मंच के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो बस्तर में संसाधनों की लूट के खिलाफ जारी आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार भाजपा ने नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है।
बस्तर लोकसभा में पांच साल पहले कांग्रेस से 4.27% वोटों से पीछे रहने वाली भाजपा आज 7.91% वोट से आगे है। निश्चित ही ये आंकड़ें प्रभावशाली हैं और भाजपा के पक्ष में हैं। इसके बावजूद भाजपा के चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं और वह पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।
विकास के नाम पर आज पूरे देश में किसान और आदिवासियों की जमीनों पर सरकार की नज़रें हैं। केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें सभी का विकास मॉडल किसान और आदिवासियों को उनकी जमीनों से विस्थापित कर गुजरता है। उनके द्वारा किये जा रहे शांतिपूर्ण विरोध से सरकार इतनी डरी हुई है कि आन्दोलनकारियों को उत्पीड़ित कर डरा रही है।