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Lok Sabha Election : कड़ी सुरक्षा के बीच बस्तर में शाम पाँच बजे तक हुआ 63.41% मतदान, CRPF के एक जवान की मौत

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार भाजपा ने नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट पर शुक्रवार शाम पाँच बजे तक क्षेत्र के 63.41 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने यह जानकारी दी। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा तथा जगदलपुर के 72 मतदान केंद्र में मतदाताओं ने सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान किया। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के बस्तर और जगदलपुर के शेष 175 मतदान केंद्रों में शाम पांच बजे तक मतदान होगा।

इस दौरान बीजापुर जिले में अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल) का गोला दुर्घटनावश फट जाने से केंद्रीय रिवर्ज पुलिस बल का एक जवान भी मारा गया। यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों का दल उसूर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गलगम गांव में एक मतदान केंद्र के पास अभियान पर निकला था।

अधिकारियों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस घटना में सीआरपीएफ की 196 वीं बटालियन के आरक्षक देवेंद्र कुमार को गंभीर चोटें आईं थी। उसे इलाज के लिए जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

बीजापुर जिले में ही एक अन्य घटना में भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सहायक कमांडेंट घायल हो गया। यह घटना भैरमगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के तहत चिहका मतदान केंद्र के पास हुई जब सुरक्षा कर्मियों का एक दल मतदान को देखते हुए इलाके में नक्सल विरोधी अभियान में निकला था।

आज हो रहे मतदान में बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी और बस्तर संभाग के आयुक्त (राजस्व) श्याम धावड़े ने बस्तर जिले के हाटकचोरा मतदान केंद्र में अपना वोट डाला। सुंदरराज ने कहा कि ‘बैलेट और बुलेट’ की इस लड़ाई में अंततः बैलेट ही सफल, सार्थक और सशक्त बनकर उभरेगा।

उन्होंने कहा, ‘माओवादियों के बार-बार बहिष्कार और धमकी भरे आह्वान के बावजूद, बस्तर के लोगों में बहुत उत्साह और प्रतिबद्धता है, जो बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर आ रहे हैं।’

शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए बस्तर निर्वाचन क्षेत्र में 60 हजार से अधिक राज्य और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। बस्तर क्षेत्र में कुल 14,72,207 मतदाता हैं, जिनमें से 7,71,679 महिला और 7,00,476 पुरुष मतदाता हैं। क्षेत्र में थर्ड जेंडर के 52 मतदाता हैं। निर्वाचन क्षेत्र में 1,961 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 61 को अतिसंवेदनशील और 196 को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला यहां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस के मध्य है। 2000 में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद नक्सल प्रभावित इस लोकसभा क्षेत्र में 2004, 2009 और 2014 में भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई थी। 2019 में यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक बैज पर भरोसा जताया था।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार सत्ताधारी दल भाजपा ने एक नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है।

इनपुट : भाषा (पीटीआई)

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