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Cyclone
चक्रवाती तूफान : काल बैसाखी से पश्चिम बंगाल में पांच लोगों की मौत, जायजा लेने पहुंचीं ममता बनर्जी
चक्रवाती तूफान काल बैसाखी से पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में पांच लोगों की मौत की खबर आ रही है वहीं बड़ी संख्या में लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है।
बनारस में भी साइक्लोन बिपरजॉय का असर, हल्की बूंदाबांदी के साथ बादलों ने दी दस्तक
साइक्लोन बिपरजॉय के कारण अच्छा बना रहेगा मौसम, तब तक 25-26 तक मानसून भी जाएगा : एसएन पांडेय
वाराणसी/ लखनऊ। अरब सागर से बीते छह...
ठीक नहीं है पहाड़ों के पर्यावरण की उपेक्षा
कपकोट (उत्तराखंड)। समय पूर्व तैयारियों ने हमें चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय से होने वाले नुकसान से तो बचा लिया लेकिन यह अपने पीछे कई सवाल...
गुस्से में समंदर : ताकतवर हो रहा तूफान, तबाही मचा सकता है गुजरात में
समंदर को गुस्से में कहना कोई छायावादी प्रतीक नहीं है, बल्कि जिस तरह से पिछले 10 सालों में समुद्र में चक्रवात की संख्या बढ़...
विकास के नाम पर भू-अधिग्रहण के अनुभव, परिदृश्य और सबक (1)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 28 जून, 2022 को जल-जंगल-ज़मीन की कॉर्पोरेट लूट, दमन और विस्थापन के खिलाफ जनसंघर्षों का एक दिवसीय राज्य सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में देशभर के 15 राज्यों (छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, जम्मू एंड कश्मीर, दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तराखंड) से 500 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। सम्मेलन के अंत में नौ प्रस्ताव पारित किए गए। शुरुआती तीन प्रस्ताव छत्तीसगढ़ केंद्रित होते हुए भी सामान्य प्रकृति के हैं, जिनमें विकास के नाम पर जमीन की लूट रोकने, पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में पेसा कानून और भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के अनुपालन की मांग दर्ज है। बाकी प्रस्ताव भी सामान्य प्रकृति के हैं। ये सभी प्रस्ताव मोटे तौर पर उन्हीं संकल्पों का दुहराव हैं जो आज से कोई आठ साल पहले ओडिशा के जगतसिंहपुर स्थित ढिंकिया में हुए जनसंघर्षों के दो दिवसीय सम्मेलन में पारित किए गए थे। तीन हिस्सों में प्रकाशित की जा रही अभिषेक श्रीवास्तव की लंबी रिपोर्ट का पहला भाग।

