हिन्दुत्ववादी राजनीति का हमारे उत्सवों पर पड़ा प्रभाव उस राजनीति के बारे में बहुत कुछ कहता है। जिस प्रकार इनमें से कुछ त्योहारों को हथियार बना लिया गया है, यह शर्मनाक है। हिंदू राष्ट्रवादियों का एक छोटा सा समूह भी धार्मिक जुलूस होने का दावा करते हुए अल्पसंख्यकों की बस्तियों से जाने की जिद कर सकता है। राजनैतिक और गाली-गलौज भरे नारे लगाकर और हिंसक गाने और संगीत बजाकर वह कोशिश करता है कि वहां के निवासी युवक भड़क जाएं और उन पर एकाध पत्थर फेकें। इसके आगे का काम सरकार करती है।
उत्तर प्रदेश के पचहत्तर जिलों में विभाजित किया जाय तो प्रत्येक जिले में 15786 आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। इनका कोई पुरसाहाल नहीं है। ये पशु ऐसे हैं जिन्हें कोई भी चारा नहीं देता बल्कि ये यहाँ-वहाँ घूम कर कूड़े के ढेर से भोजन अथवा सब्जी मंडियों में फेंकी गई सब्जियाँ खाकर गुजारा करते हैं। कई ऐसी लोमहर्षक रिपोर्टें छपती रहती हैं जिनमें गायों के पेट में ढेर सारा प्लास्टिक पाये जाने की बात सामने आई है। सड़कों पर घूमते ये पशु न सिर्फ सड़कों पर गंदगी फैलाते हैं बल्कि दुर्घटनाओं के कारण भी बनते हैं।