Saturday, July 12, 2025
Saturday, July 12, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTags#manduriairport

TAG

#manduriairport

खिरिया बाग के आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी को भेजा पत्र

जिलाधिकारी से किसानों ने कहा कि जब आप खुद भी कह चुके हैं कि योजना स्थगित की जाती है। विधायक, सांसद भी कह रहे कि विस्तारीकरण के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है। आपके कहे अनुसार उनकी मांग पर परियोजना रद्द हो सकती है तो ऐसे में आप इन परिस्थितियों से शासन को अवगत कराकर हमारी बात पंहुचाए की शासनादेश जारी किया जाए कि हवाई पट्टी विस्तारीकरण की जो परियोजना है उसे रद्द किया जाए।

खिरिया बाग धरना समाप्त कराने पहुंचे SDM से बोले किसान, हमें लिखित शासनादेश चाहिए

खिरिया बाग में महाड़ आंदोलन को किया गया याद 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु का शहादत दिवस और डॉ. राम मनोहर लोहिया की...

किसानों की मर्ज़ी के खिलाफ सरकार ज़मीन नहीं ले सकती

संविधान के 73 वें संशोधन के साथ यह प्राविधान किया गया है कि ग्राम सभा और पंचायतें जो सत्ता की सबसे छोटी ईकाई हैं, को अपने क्षेत्र की विकास योजनाएं खुद बनाने का अधिकार है। यह सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए किया गया है। ऐसे में शासन-प्रशासन ग्राम सभा व पंचायतों का संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ जाकर गैर कानूनी कदम उठाया। आज़मगढ़ में एयरपोर्ट सालों से बना पड़ा है जिससे आज तक एक भी विमान नहीं उड़ा है।

लोकतंत्र में विरोध करने का संवैधानिक अधिकार है : डॉ. संदीप पाण्डेय 

आजमगढ़ में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के भूमिग्रहण के खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में प्रस्तावित थी पदयात्रा  किसान पद यात्रा में शामिल होने आ...

आजमगढ़ : पूर्वांचल में विस्थापन के प्रतिरोध की नई कहानी है खिरिया बाग़

गाँव उजाड़े जाने पर चालीस हज़ार की आबादी किस घाट लगेगी इसका कोई खाका अब तक नहीं बना है क्योंकि इसमें सरकार और प्रशासन डंडे के बल पर अब निपटा लेना चाहते हैं। जबकि जनता चाहती है कि बातें आमने-सामने और संविधान के दायरे में हो। इस आन्दोलन ने प्रभावित होने वाली जनता को न केवल जागरूक बनाया है बल्कि प्रशिक्षित भी किया है।

किसके लिए बन रहा है आजमगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा?

हवाई अड्डे के विरोध में खिरिया बाग में चल रहे धरना-आंदोलन में महिलाओं की उपस्थिति और सहभागिता उल्लेखनीय बनी हुई है। ये वे महिलाएं हैं जो अपने घर के बहाने उन लोगों को भी उजड़ने से बचाने की मुहिम में लगी हुई हैं जो अभी दूर-दूर से नफा-नुकसान देख रहे हैं। बहुत से लोग अच्छे मुआवजे की उम्मीद में भी हैं और वे अपनी बात से लोगों को सहमत कर रहे हैं कि विकास होगा तो फायदा सभी को होगा।

सरकार ने गांव और जिंदगी पर हमला किया है

सरकार ने गांव पर हमला किया है। जिंदगी पर हमला किया है। जनता में धर्म के नाम पर अंधविश्वास फैलाकर हमारी जीवन पर हमला किया जा रहा है। किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों को आतंकवादी तक कहा गया। आज रेल की पटरियां नीलाम हो रहीं हैं। पटरी हमारी रेल मुनाफाखोर कंपनियों का हो रहा है। ठीक यही हाल एयरपोर्ट का भी हो रहा है।

महिला पंचायत में उठी हुंकार ‘न जान देंगे न ज़मीन देंगे’

आज अक्टूबर महीने की पाँचवीं तारीख और दिन शनिवार है। दोपहर के दो बजने को हैं। जमुआ हरिराम के प्राइमरी स्कूल के सामने वाला मैदान धीरे-धीरे भर रहा है। जहां भी नज़र जा रही है वहाँ से गाँव के लोग आते दिख रहे हैं, बच्चे, बूढ़े नौजवान और महिलाएँ। महिलाओं ने अपने हाथ से बनाई हुई तख्तियाँ ले रखी है जिन्हें वे दूर से हाथ में झुलाती चली आ रही हैं लेकिन जैसे ही सभा स्थल के करीब पहुंचतीं उन्हें हाथों में ऊंचा उठाकर लहराने लगतीं।

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment