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आजमगढ़ : बिजली की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले वजीरमलपुर क़े ग्रामीणों पर पुलिसिया दमन
बिजली की मांग को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे तो रात में पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया और गाँव में घुसकर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। घटना की सूचना पर सोशलिस्ट किसान सभा और सामाजिक न्याय मंच के प्रतिनिधि मंडल ने गाँव पहुंचकर पीड़ितों से मुलाक़ात की।
निज़ामाबाद : जर्जर सड़कों के निर्माण के लिए किसानों का प्रदर्शन
निजामाबाद की सड़कों का खस्ताहाल होने के कारण सोशलिस्ट किसान सभा ने सड़कों को जल्द ठीक कराने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
निज़ामाबाद के काले मृदभांड : कठिन परिश्रम और सूझबूझ से चमकदार बनते हैं ये बर्तन -2
इतने खूबसूरत बर्तन बनाने में मिट्टी तैयार करने से लेकर उसकी सजावट करने के बाद बाजार तक लाने में बेहिसाब मेहनत लगती है, आज की पूंजीवादी व्यवस्था में यह काम आसान नहीं है लेकिन निज़ामाबाद में यहाँ का कुम्हार समुदाय पूरे परिवार के साथ इस काम में लगा हुआ है। इसके बावजूद इन्हें इसकी उचित कीमत नहीं मिल पाती। इन शिल्पकारों की चिंता इसे कला को बचाने की है। पढ़िए अंजनी कुमार की ग्राउन्ड रिपोर्ट का दूसरा और अंतिम भाग।
निजामाबाद के काले मृद्भांड : समय की मार से पिछड़ता हुआ एक हुनर और उसके उपेक्षित शिल्पकार – 1
एक समय भारत में ऊंचे मुकाम पर प्रतिष्ठित प्रायः सभी शिल्पकारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं रह गई है क्योंकि उनके काम की मांग खत्म होती जा रही है। निजामाबाद के काले मिट्टी के बर्तन की कला की दुनिया भर में इस कस्बे की एक पहचान है। यह रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही रहन-सहन के वैभव को दर्शाती रही है। लेकिन पूंजीवादी अर्थव्यवस्था ने अनेक विकल्प ला दिये जिससे यह पारंपरिक काम बाहर होता गया। संरक्षण और व्यापक बाज़ार न मिलने के कारण यह काम करने वाले अब अब इससे विमुख होते जा रहे हैं और यह कला भी मर रही हैं। सवाल यह उठता है कि सरकार इस तरह की कलाओं को सहेजने के लिए क्या कर रही है? प्रस्तुत है अंजनी कुमार की ग्राउंड रिपोर्ट।
आजमगढ़ के निजामाबाद में धान की खरीद न होने से किसान परेशान
आजमगढ़। खेती करने वाले किसानों के सामने हमेशा कोई न कोई समस्या आती है । कभी बीज न मिलने से वह परेशान रहता है...