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विकसित समाज के निर्माण में महिलाओं की शिक्षा जरूरी है

भारत जैसे देश में शिक्षा प्राप्त करना एक बड़ी समस्या है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ जागरूकता और अन्य सामाजिक कारणों से शिक्षा को अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। महिलाओं की शिक्षा को नज़रअंदाज़ कर कोई भी देश वास्तविक विकास के पथ पर नहीं चल सकता है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने में आज भी कई स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाएं संचालित कर रही है।

राजस्थान : वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना से अनाज की चिंता से मुक्त हो रहे हैं प्रवासी मज़दूर

केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना ने प्रवासी मज़दूरों की समस्या को दूर कर दिया है। अब मज़दूर अपने प्रवास स्थान पर भी अपने राशन कार्ड के माध्यम से सस्ता अनाज खरीद कर परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हो रहे हैं। यह योजना 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे राशन वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। इस योजना ने रोजगार के लिए पलायन करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा किया है।

राजस्थान : अनियमित मौसम और सिंचाई के अभाव में किसान भी बेरोजगार हो रहे हैं

तेजी से बढ़ती बेरोजगारी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। अनियमित बारिश और अत्यधिक गर्मी के कारण कृषि पर निर्भर लोगों को भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि कृषि अब कई लोगों के लिए आजीविका का साधन नहीं रह गई है। आजीविका के अन्य साधनों के सीमित विकल्प ने रोज़गार के संकट को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

बाल विवाह : आज भी नहीं मुक्त हो पा रहे राजस्थान के गांव

बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का अतिक्रमण करता है जिससे उनपर हिंसा तथा यौन शोषण का खतरा बना रहता है। हालांकि बाल विवाह लड़कियों और लड़कों दोनों पर असर डालता है, लेकिन इसका प्रभाव सबसे अधिक लड़कियों के जीवन पर पड़ता है। इससे उनके विकास के अवसर छिन जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि एक प्रभावी नीति बनाई जाए जिससे लड़कियों को शिक्षा के अवसर उपलब्ध हो सके और बाल विवाह जैसे दंश से उन्हें मुक्ति मिल सके।

राजस्थान : शिक्षा और रोजगार की कमी से जूझता कालबेलिया समुदाय

कालबेलिया सदियों से एक घुमंतू समुदाय के रूप में दर्ज रहा है। ऐतिहासिक रूप से इन्हें सांप पकड़ने वाला समुदाय माना जाता है। यह एक जगह स्थायी निवास की अपेक्षा गांव के बाहर खुले मैदानों या चरागाहों में अपना पड़ाव डाला करते थे। वर्तमान में इस समुदाय में साक्षरता की दर कम है। वहीं सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाने के बावजूद रोज़गार के मामले में इस समुदाय को अभी भी काफी विकास करने की आवश्यकता है।

राजस्थान : सरकारी योजनाओं के अभाव में मेहनत मजदूरी को मजबूर ग्रामीण

सरकार गरीबों केलिए अनेक योजनाएं लागू करती है लेकिन शिक्षा के अभाव में ये लोग योजना का फायदा कैसे और कब उठाना, मालूम नहीं कर पाते है। यदि किसी योजना की जानकारी मिलती भी है तो उसे पाने के लिए जानकार लोगों के पास भटकते रहते हैं। इस वजह से मजदूरी करना इनकी मजबूरी हो जाती है।

राजस्थान : आर्थिक समस्याओं के बावजूद स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कालबेलिया समुदाय की महिलाएं

नाचनबाड़ी में कालबेलिया समुदाय ख़ानाबदोश ज़िंदगी जीने वाले अब स्थायी रूप से एक जगह रहने लगे हैं। शिक्षा का प्रतिशत बहुत कम है लेकिन इसके आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूक करने पर स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हैं।

राजस्थान : किसानों के पशुपालन में होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार ने बजट में अनेक योजनाएँ लागू की

एक समय था किसान की आजीविका का मुख्य साधन खेती के साथ पशुपालन था लेकिन आज किसान पशुपालन से बचना चाहते हैं क्योंकि किसान को यहाँ लगातार नुकसान हो रहा है लेकिन राजस्थान सरकार ने अपने बजट में पशुपालन में बीमा जैसी महत्त्वपूर्ण योजना शुरू कर किसानों को इस काम में आगे आने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

राजस्थान में एक गाँव ऐसा जहां सभी ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं

सरकार ग्रामीण जनता के विकास को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाएँ चलाती है, इसके बाद भी इन योजनाओं का पूरा लाभ ग्रामीण नहीं उठा पाते। एक ही गाँव में कुछ लोगों को योजना का लाभ मिल जाता है और कुछ लोग इससे वंचित रह जाते हैं। लेकिन राजस्थान का धुवालिया नाडा गाँव में सभी लोगों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिला है। यहाँ के ग्रामीण क्या कह रहे हैं पढ़िये इस कहानी में-

घरेलू हिंसा : घड़सीसर गाँव की इस कुप्रथा के खिलाफ़ सामाजिक जागरूकता की जरूरत है

यह विडंबना है कि हमारे देश में महिलाएं सबसे अधिक घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। घर की चारदीवारी के अंदर न केवल उन्हें शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है और फिर घर की इज़्ज़त के नाम पर महिला को ही चुप रहने की नसीहत दी जाती है। हालांकि महिलाओं, किशोरियों और बच्चों पर किसी भी प्रकार की हिंसा करने वालों के खिलाफ कई प्रकार के सख्त कानून बने हुए हैं।

राजस्थान : सरकार की ओडीएफ मुक्त योजना अभी भी हजारों गाँव से दूर

सरकार ने अनेक योजनाएं लागू की हैं लेकिन धरातल पर उतर कर देखें तो वे सफल नहीं हो पाईं। ऐसी ही एक योजना है खुले में शौच से मुक्ति दिलाने की, जिसमें सरकार की तरफ से 12 हजार रुपए मिलते हैं लेकिन इसके बाद भी हजारों घरों में शौचालय के नाम से चारदीवारी और छत के नाम पर शेड डाल दिया गया है क्योंकि कोई भी शौचालय 12 हजार रुपए में तैयार नहीं हो सकता और जिन्हें पैसा मिलता है उनकी इतनी हैसियत नहीं होती कि खुद का पैसा लगाकर उसे बनवा पाए। इस वजह से आज भी हजारों लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है।

राजस्थान : पूरे राज्य में कोई शहर नहीं बचा, जो गर्मी के दिनों में पानी के लिए न तरसा हो

जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के चलते पूरी दुनिया के मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। हमारे देश में इस बार पारा 50 से ज्यादा गया वहीं हर शहर, गाँव, कस्बे में पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। इसमें सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना झुग्गी-झोपड़ी और बस्ती में रहने वालों को करना पड़ रहा है। यदि स्थिति और खराब हुई तो इन्हें पानी के लिए तरसना पड़ेगा।

राजस्थान : आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक और डिजिटल बना देने भर से आधारभूत समस्याएँ खत्म नहीं होती

देश के हर राज्य की सरकार अपने कामकाज और विभागों को स्मार्टफोन या टैबलेट उपलब्ध करा कर ऑनलाइन काम करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। ताकि उनके विभागों का डिजिटलाइशेन हो चुका है, लेकिन काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक पानी, शौचालय, पोषणाहार की व्यवस्था नहीं होगी तब तक बच्चे और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य बेहतर कैसा होगा?

राजस्थान : स्कूलों में सुविधाओं की कमी और भेदभाव के कारण बेटियों की शिक्षा हो रही प्रभावित

राज्य सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की औसत साक्षरता दर मात्र 45.8 प्रतिशत है। अजमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर औसत से भी कम मात्र 41.3 प्रतिशत है।

राजस्थान : बाल्टी छूने पर दलित छात्र को बेरहमी से पीटा, लगातार बढ़ रहे दलित उत्पीड़न के मामले

राजस्थान के रामगढ़ थाना क्षेत्र के मंगलेशपुर गांव में एक चौथी कक्षा में पढ़ने वाले 8 वर्षीय बालक को बेरहमी से सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने हैंडपंप पर रखी बाल्टी को छू लिया था।

लोकसभा चुनाव : राजस्थान में पहले चरण के मतदान के लिए 100 वर्ष से अधिक आयु के 8900 से अधिक मतदाता

प्रथम चरण के 12 लोकसभा क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदाता जयपुर में 22,87,350 हैं, जबकि दौसा लोकसभा क्षेत्र में सबसे कम 18,99,304 मतदाता हैं।

राजस्थान : सरकारी योजनाएं नहीं पहुँच रही ग्रामीणों तक नहीं

सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, लकड़ी और धुएं वाले चूल्हे से महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना तथा शिक्षा, कृषि और चिकित्सा जैसे सुरक्षा की कई योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए प्रयासरत है। परंतु इसके बावजूद इनमें से कई ऐसी योजनाएं हैं जिसका लाभ मनोहर पुरा गांव को नहीं मिल पा रहा है।

राजस्थान : शिक्षकों को परेशान करने के लिए असंवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं शिक्षा मंत्री

राजस्थान की भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शैक्षणिक स्थलों को अवैज्ञानिक बातों और धार्मिक ध्रुवीवकरण की जगह बनाने को आमादा है और दलित तथा अल्पसंख्यक शिक्षक शिक्षिकाओं को लक्षित करके उनका बेवजह उत्पीड़न कर रहे हैं।

राजस्थान :  दुष्कर्म के आरोपी ने पीड़िता को गोली मारी और गंडासे से हमला किया

राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में दुष्कर्म के एक आरोपी एवं उसके साथियों ने पीड़िता को कथित रूप से गोली मार दी। घटना शनिवार रात प्रागपुरा थाने के पास उस समय हुई जब पीड़िता अपने भाई के साथ दुपहिया वाहन पर घर लौट रही थी।

राजस्थान के बिंझरवाड़ी में जल संकट का समाधान ज़रूरी

अक्सर यह भविष्यवाणी की जाती है कि भविष्य में अगर कोई विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। पानी की...

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