'मेरा गाँव' कॉलम में उन लोगों की कहानी होती है, जिन्होंने गाँव को जिया ही नहीं बल्कि भरपूर जिया है। इस में आज तेजपाल सिंह 'तेज' अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए यह बता रहे हैं कि उनका गाँव, अलाबास बातरी, बुलंदशहर (उप्र) बचपन में कैसा था? अपने गाँव को याद करते हुए कैसे लगता है और उन्हें गाँव ने कैसे तैयार किया?
देश के ऐसे कई दूर दराज़ ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। उसे शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास किया जाता है। समाज की यह सोच बनी हुई है कि लड़की को शिक्षित करने से कहीं अधिक उसे चूल्हा चौका में पारंगत होना आवश्यक है।