भाई संतोष कुमार भारत से यहाँ फरवरी में आये और मुझे मिले तो मुझे लगा जैसे भारत से मेरा कोई भाई आया है| हम एक ही भोजपुरी भाषा बोलते हैं जो की मेरे बचपन में यहाँ बोली जाती थी (आजकल लोग सिर्फ अंग्रेजी बिल्ट हैं जिसपर मुझे काफी दुःख होता है)| हमें अब अपनी पुरानी भाषा को वापस लाना है और अपने पुरानी संस्कृति को जिन्दा करना है|