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गाँव केलोग
वे बोले तो बहुत किंतु, कहा कुछ नहीं
यह पहली बार हुआ है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस उद्बोधन को किसी गंभीर चर्चा के योग्य नहीं समझा गया। यहाँ तक...
जो भी कन्ना-खुद्दी है उसे दे दो और नाक ऊंची रखो। लइकी हर न जोती ! (तीसरा हिस्सा)
मेरे अरियात-करियात की बहुत कम औरतें स्वतंत्र और आत्मचेतस रही हैं l मजबूरी में कोई-कोई विधवा स्त्री भले ही अपनी मर्ज़ी से अपना जीवन...
दलित साहित्य और विचारों का एक मुकम्मल दस्तावेज़
सम्पादक रामजी यादव की पत्रिका गाँव के लोग का 24 वां अंक जनवरी-फरवरी 2021 आज प्राप्त हुआ। इस पत्रिका का संपादन सुयोग्य साहित्यकार डॉ....
दम-खम वाले खेलों में बहुजनों की उपेक्षा से भारत कभी पदक तालिका में ऊपर नहीं हो सकता
23 जुलाई से शुरू हुए टोक्यो ओलम्पिक - 2020 का समापन हो चुका है, जिसमें 206 देशों के 1000 से अधिक खिलाडी दर्शक-शून्य स्टेडियमों...
आशा ट्रस्ट ने एस ओ एस बाल ग्रामवासियों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराया
(चौबेपुर वाराणसी) :27 जुलाई 2021संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की मुहिमदेश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रायः आक्सीजन की किल्लत...
अभिनय की खड़ी पाई ट्रेजडी किंग के महान करियर में एक दाग है
स्वाधीनता की पचासवीं वर्षगांठ पर मुझे यह कहने में कोई कुंठा नहीं कि आजादी की आगामी दो सौंवी वर्षगाँठ तक भारत माता की कोख...