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निलंबित किए गए सांसदों के मुद्दे पर एकजुट होगा विपक्ष, इंडिया गठबंधन की बैठक होगी आज

संसद की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर संसद भवन में चार युवकों के घुसने के मामले का असर गुरुवार को भी छाया रहा। विपक्षी दलों के सांसद, सुरक्षा में हुई इस चूक पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बयान देने की मांग कर रहे थे। सांसदों द्वारा सदन में सुरक्षा पर सवाल उठाए जाने की वजह से […]

संसद की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर संसद भवन में चार युवकों के घुसने के मामले का असर गुरुवार को भी छाया रहा। विपक्षी दलों के सांसद, सुरक्षा में हुई इस चूक पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बयान देने की मांग कर रहे थे। सांसदों द्वारा सदन में सुरक्षा पर सवाल उठाए जाने की वजह से 13 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।

ज्ञात हो कि 13 दिसंबर को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में चले गए थे। जहां उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए ‘तानाशाही नहीं चलेगी…’ जैसे नारे लगाते हुये रंगीन स्प्रे से रंग फैलाने का काम भी किया। सुरक्षा में हुई इस चूक से भले ही किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ हो पर अब संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल उठने लगे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को लेकर गुरुवार को विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए संसद में भारी हंगामा किया। विपक्षी कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को अपने निशाने पर लिया। विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में नारेबाजी की। इसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में कई बार स्थगित करनी पड़ी।

बार-बार व्यवधान पैदा कर कार्यवाही बाधित करने वाले विपक्षी दलों के लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। स्पीकर ओम बिरला के लोकसभा पहुंचते ही विपक्षी सांसदों ने संसद की सुरक्षा को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। ओम बिरला ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हुये कहा कि बुधवार को हुई घटना को लेकर सभी चिंतित हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि लोकसभा अध्यक्ष के रूप में वह सभी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।

रक्षा मंत्री के भरोसे में नहीं आए सांसद

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘सभी ने इस घटना की निंदा की है। इस मामले को राष्ट्रपति ने भी संज्ञान लिया है। हमें इस बात से सावधान रहना चाहिए कि हम किसे संसद में प्रवेश के लिए पास देते हैं। सांसदों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे ऐसे लोगों को पास न दें, जो अराजकता फैला रहे हैं। भविष्य में सभी सावधानियां बरती जाएंगी।

इसके बावजूद सदन में शोर-शराबे की स्थिति बनी रही। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से इस तरह की राजनीति नहीं करने का आग्रह किया और शांति बनाए रखने की अपील की।

विरोध में उठाई आवाज तो निलंबित हुये सांसद

मौन विरोध दर्ज कराते टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन साथ में कांग्रेस राज्यसभा सदस्य इमराम प्रतापगढ़ी और प्रमोद तिवारी

हालाँकि, जब भ्रम नहीं रुका तो आखिरकार लोकसभा में कांग्रेस के पांच सांसदों (टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, जोथिमनी, रामया हरिदास और डीन कुरियाकोस) को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद भी विपक्षी दलों के सांसद संसद को बाधित करते हुए प्रदर्शन करते रहे। जिसकी वजह से नौ और सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इसमें डीएमके की कनिमोझी, बेनी बेहनन, वीके श्रीधरन, मोहमंद जावेद, पीआर नटराजन, के. सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस. वेंकटेशन, मनिकम टैगोर शामिल हैं। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया। सांसदों ने नारेबाजी की और संसद सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।

तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ. ब्रायन सदन की वेल में आ गए। इस पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कड़ी आपत्ति जताई। जब वे नहीं माने तो स्पीकर ने उन्हें तुरंत सदन से बाहर जाने को कहा और सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जब कामकाज दोबारा शुरू हुआ तो निलंबित सदस्य डेरेक सदन में वापस आए और कामकाज दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। ओ’ ब्रायन अपने गले में एक तख्ती लटकाकर संसद परिसर से बाहर चले गए जिस पर साइलेंट प्रोटेस्ट लिखा था। उन्होंने इस मुद्दे पर बोलने से इनकार कर दिया।

राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी दल

संसद में सुरक्षा चूक को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई बैठक के बाद विपक्षी दल राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगेंगे। विपक्षी दल इस मुद्दे पर दोनों सदनों में अमित शाह से बयान की मांग करेंगे।

कांग्रेस ने संसद की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘यह सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा का सवाल नहीं है। इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी सवाल उठ रहा है कि दो लोग कैसे अंदर आ गए और सुरक्षा में सेंध लगा दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शाम 4 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संसद में सुरक्षा खामियों का मुद्दा उठाया और जांच की मांग की।

सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

लोकसभा से 13 सांसदों को निलंबित कर दिये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा है कि इन सांसदों का गुनाह यह था कि वे लोकतंत्र के मंदिर में जनता की आवाज उठा रहे थे। वे मोदी सरकार से कड़े सवाल पूछ रहे थे। यह सवाल करना अपराध हो गया है कि क्या बुधवार को संसद की सुरक्षा में सेंध लगी थी।

सरकार ने इस ढिलाई पर प्रतिक्रिया देने के बजाय सवाल उठाने वाले सांसदों को निलंबित कर दिया। सब जानते हैं कि मोदी सरकार सवालों से भागती है और सवाल पूछने वालों का दमन करती है। कांग्रेस ने कहा है कि मौजूदा कार्रवाई इसका उदाहरण है। मोदी सरकार को पता होना चाहिए कि कांग्रेस ऐसी हरकतों से डरने वाली नहीं है। कांग्रेस ने कहा है कि हम सड़क से लेकर सदन तक जनता की आवाज उठाते रहेंगे।

कांग्रेस नेता कार्ति पी. चिदंबरम ने कहा है कि बुधवार को लोकसभा में जो हुआ वह एक बड़ी सुरक्षा चूक और खुफिया एजेंसियों की विफलता थी। हमारी मांग है कि सरकार सदन में आकर बताए कि बुधवार को क्या हुआ और सरकार क्या कदम उठा रही है? हालांकि, सरकार जवाब न देने पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को इस बारे में संसद में बोलना चाहिए। हमारी आवाज दबाने और विरोध करने पर करीब 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।

निलंबित सांसदों ने क्या कहा 

निलंबन के बाद धरना देते सांसद

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने सरकार पर प्रताप सिम्हा को बख्शने लेकिन महुआ मोइत्रा को ‘बिना जांच पूरी हुए’ निष्कासित करने का आरोप लगाया। मनिकम टैगोर ने कहा, ‘हमारी एकमात्र मांग यह थी कि गृह मंत्री अमित शाह को संसद में आना चाहिए और कल संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर बयान देना चाहिए। इसके लिए सांसदों को निलंबित करना इस सरकार की मानसिकता को दर्शाता है। इस सरकार की मानसिकता जर्मनी के हिटलर राज की तरह होती जा रही है जो विपक्षी दलों के सवालों को सुनने और जवाब देने के लिए तैयार नहीं है… ‘इंडिया’ गठबंधन की कल सुबह बैठक होगी और नेता करेंगे तय करें कि क्या करना है। उन्होंने कहा, ‘हम एकजुट हैं और हमारी वास्तविक मांग है कि गृह मंत्री को संसद में आना चाहिए, पहले बयान देना चाहिए और फिर विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए।

सुरक्षा में हुई चूक को लेकर क्या हुई कार्रवाई

हाल ही में हुए सुरक्षा उल्लंघन मामले में लोकसभा सचिवालय ने कड़ी कार्रवाई की है। लोकसभा सचिवालय ने बुधवार (13 दिसंबर) को सुरक्षा चूक के मामले में आठ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इन सभी सुरक्षाकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस फिलहाल इन सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोगों का मकसद विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।

लोकसभा सचिवालय द्वारा निलंबित किए गए कर्मचारियों के नाम हैं- रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र। इसके अलावा संसद में घुसपैठ मामले में आरोपियों के नाम सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी. (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम आजाद (42) हैं और पांचवें शख्स का नाम विशाल शर्मा है। पुलिस ने उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इस मामले में यूएपीए के तहत भी मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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