पिछले लगभग पचास सालों से वाराणसी शहर की सीमा में रहने वाले धरकार समाज के लोग आखिर कैसे बिना किसी नागरिक पहचान के रह रहे हैं? इस समाज के लोगों के पास आधार, राशन कार्ड जैसी कोई पहचान नहीं है, अपनी कोई जमीन नहीं है, इसलिए जमीन का भी कोई कागज नहीं है। यहाँ के लोग जाने कितनी ही पीढ़ियों से इस देश में रहते आ रहे हैं पर इनके पास अपने अस्तित्व का हक जताने के लिए कोई अभिलेख नहीं है। किसी सरकारी रजिस्टर में इनका नाम नहीं दर्ज है। इस नाम के बिना किसी हक की मांग कर पाना भला इनके लिए कैसे संभव हो सकता है। धरकार समाज के इस जीवन त्रासदी पर गाँव के लोग के लिए कुमार विजय की वीडियो रिपोर्ट।
इधर बीच
ग्राउंड रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब तक क्यों वंचित है धरकार समाज
पिछले लगभग पचास सालों से वाराणसी शहर की सीमा में रहने वाले धरकार समाज के लोग आखिर कैसे बिना किसी नागरिक पहचान के रह रहे हैं? इस समाज के लोगों के पास आधार, राशन कार्ड जैसी कोई पहचान नहीं है, अपनी कोई जमीन नहीं है, इसलिए जमीन का भी कोई कागज नहीं है। यहाँ के […]

गाँव के लोग
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