उन्होंने बताया कि नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ने बुधवार सुबह जब दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से असम के गुवाहाटी के कामाख्या के लिए यात्रा शुरू की तो उसमें लगभग 1,500 यात्री सवार हुए थे। इस ट्रेन को अपना सफर तय करने में 33 घंटे का समय लगता है।
उन्होंने बताया कि बुधवार रात ट्रेन दुर्घटन के बाद कुल 1,006 यात्री दानापुर से राहत ट्रेन में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में अपने गंतव्य के लिए सवार हुए।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘कल सुबह सात बजकर 40 मिनट पर दिल्ली से रवाना हुई इस ट्रेन में लगभग 1,500 यात्री सवार हुए थे। संख्या थोड़ी अधिक है, क्योंकि आंशिक टिकट और प्रतीक्षा सूची वाले यात्री भी इसमें सवार थे।
उन्होंने बताया कि कुल यात्रियों में से लगभग 1,200 के पास पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे स्टेशन के 12 स्टेशनों पर उतरने के लिए टिकट थे।
उन्होंने कहा, ‘540 लोगों के पास असम के पांच स्टेशनों के लिए टिकट था, जिनमें अंतिम गंतव्य कामाख्या उतरने वालों की संख्या 389 है।’
रेलवे के अनुसार, बुधवार रात करीब नौ बजकर 53 मिनट पर रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के 23 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में चार लोगों के मौत की खबर है, जबकि कई लोग घायल हैं।
डे ने कहा, ‘हमारी जानकारी के अनुसार, असम आने वाला कोई भी यात्री हताहतों की सूची में नहीं है।’
इन यात्रियों की आगे की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘राहत ट्रेन सुबह पांच बजे शुरू हुई और रात 11 बजे कामाख्या पहुंचेगी। इसमें कुल 1,006 यात्री सवार हुए हैं और वे मार्ग पर विभिन्न स्टेशनों पर उतरेंगे।’
सीपीआरओ ने बताया कि राहत ट्रेन नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के निर्धारित ठहराव पर ही रुकेगी।
उन्होंने बताया कि असम के पांच स्टेशनों पर करीब 500 यात्री उतरेंगे।
अधिकारी के अनुसार, ‘राहत ट्रेन में सवार यात्रियों के लिए भोजन और जलपान की व्यवस्था की गई है। रेलवे कामाख्या स्टेशन से सड़क मार्ग द्वारा उनकी यात्रा की भी व्यवस्था करेगा।’
डे ने यह भी बताया कि दुर्घटना के कारण अभी तक असम से किसी भी ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है।
गुवाहाटी (भाषा)। बिहार के बक्सर जिले में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद उसके कुल 1,006 यात्री गंतव्य के लिए राहत ट्रेन में सवार हुए। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।