Thursday, November 14, 2024
Thursday, November 14, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमराजनीतिलूट और पाखंड की पराकाष्ठा है गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी :...

इधर बीच

ग्राउंड रिपोर्ट

लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी : खरगे

नयी दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया है जो लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है। खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे का उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मोदी जी, एक आम […]

नयी दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया है जो लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।

खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे का उल्लेख करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘मोदी जी, एक आम भारतीय के जन्म से लेकर उसकी जीवन के अंत तक मोक्षदायिनी माँ गंगा का महत्त्व बहुत ज़्यादा है। अच्छी बात है कि आप आज उत्तराखंड में हैं, पर आपकी सरकार ने तो पवित्र गंगाजल पर ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। एक बार भी नहीं सोचा कि जो लोग अपने घरों में गंगाजल मंगवाते हैं, उन पर कितना बोझ पड़ेगा।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘यही आपकी सरकार के लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे जहां उन्होंने भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान मानी जाने वाली आदि कैलाश चोटी के दर्शन किए और पार्वती कुंड के किनारे स्थित प्राचीन शिव—पार्वती मंदिर में पूजा—अर्चना की।

भाजपा, जदएस के 40 से अधिक नेता कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक: डीके शिवकुमार

बेंगलुरु (भाषा)। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल सेकुलर (जदएस) के बीच हुए गठजोड़ के विरोधी 40 से अधिक नेता कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं।

पूर्व भाजपा विधायक रामप्पा लामनी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद शिवकुमार ने संवाददताओं से बातचीत में यह बात कही। लामनी को मई में भाजपा से शिरहट्टी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिला था। लामनी ने कहा कि वह बिना किसी शर्त के कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

पिछले महीने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की अगुवाई वाले जदएस ने भाजपा के साथ गठजोड़ करने का फैसला किया था। उससे पहले जदएस नेता एच डी कुमारस्वामी ने नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक की थी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे शिवकुमार ने कहा, ‘40 से अधिक नेताओं के आवेदन मेरे सामने हैं। मैं कभी इस जानकारी का खुलासा करना नहीं चाहता था लेकिन अब (उसके लिए अनुकूल) स्थिति आ गयी है।’

वैसे उन्होंने उनके नाम नहीं बताये। उन्होंने कहा,‘‘स्थानीय नेताओं से बातचीत करने के बाद हम उन्हें एक-एक कर पार्टी में शामिल कर रहे हैं।’ शिवकुमार ने कहा कि भाजपा और जदएस के ये नेता राज्य के उत्तर में बीदर से लेकर दक्षिण में चामराजनगर तक के हैं।

उन्होंने कहा, ‘(भाजपा और जदएस के बीच) गठजोड़ का विरोध करते हुए कई नेताओं ने हमारी पार्टी में शामिल होने में रूचि दिखाई है। यदि ये नेता हमारी पार्टी में शामिल किये जाते हैं तो यह हमारे नेतृत्व तथा देश के लिए फायदेमंद होगा।’

उन्होंने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी के 100 से अधिक नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस में शामिल होने में दिलचस्पी दिखायी है जिन्होंने मई में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

केंद्र इज़राइल-फलस्तीन मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए: सुप्रिया सुले

पुणे (भाषा)। शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार को कहा कि इज़राइल-फलस्तीन के मुद्दे को लेकर भारत के रुख पर चर्चा करने के लिए केंद्र सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

यहां पत्रकारों से बात करते हुए सुले ने कहा कि इजराइल का समर्थन करके नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक अलग रास्ता चुन लिया है।

उनसे पूछा गया था कि हमास के इज़राइल पर हमले के बाद छिड़ी लड़ाई के बीच केंद्र सरकार इज़राइल का समर्थन कर रही है जबकि कांग्रेस फलस्तीनियों के अधिकारों की बात कर रही है।

सुले ने कहा कि इज़राइल-फलस्तीन संघर्ष पर भारत की नीति अब तक एक समान रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहे अटल बिहारी वाजपेयी हों, या इंदिरा गांधी, भारत की इज़राइल फलस्तीन मुद्दे पर एक ही नीति रही है।

सांसद ने कहा, भारत का इस मुद्दे पर हमेशा एक रुख रहा है, लेकिन केंद्र सरकार (इस बार) अलग रुख अपना रही है। जब विदेशी मामलों से जुड़े ऐसे मुद्दे उठते हैं तो सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए ।

सुले ने कहा, ‘फिलहाल दुनिया में जंग छिड़ी है।’ बारामती से लोकसभा सदस्य ने सर्वदलीय बैठक या देश के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुद्दे पर चर्चा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह करती हूं।’

कांग्रेस कार्य समिति ने फलस्तीनी लोगों के भूमि, स्व-शासन और सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को सोमवार को दोहराया और तत्काल संघर्ष विराम और लंबित मुद्दों पर बातचीत का आह्वान किया।

गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट को सब्सक्राइब और फॉरवर्ड करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here